दिल्ली खंड में पर्यावरणीय प्रवाह बढ़ाने से पर्यावरणीय आपदा उत्पन्न हो सकती है: हरियाणा

By भाषा | Published: January 13, 2021 04:49 PM2021-01-13T16:49:19+5:302021-01-13T16:49:19+5:30

Increasing environmental flow in Delhi section may cause environmental disaster: Haryana | दिल्ली खंड में पर्यावरणीय प्रवाह बढ़ाने से पर्यावरणीय आपदा उत्पन्न हो सकती है: हरियाणा

दिल्ली खंड में पर्यावरणीय प्रवाह बढ़ाने से पर्यावरणीय आपदा उत्पन्न हो सकती है: हरियाणा

(गौरव सैनी)

नयी दिल्ली, 13 जनवरी हरियाणा सरकार ने कहा है कि वह यमुना नदी के दिल्ली खंड में पर्यावरणीय प्रवाह बढ़ाने के सुझाव से सहमत नहीं है क्योंकि इससे राज्य में ‘पर्यावरण आपदा’ पैदा हो सकती है।

अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ के अनुसार पर्यावरणीय प्रवाह पारिस्थितिकी और उनके फायदों को बनाये रखने के लिए नदी, आर्द्रभूमि या तटीय क्षेत्र में प्रवाहित जल है और प्रवाह को विनियमित किया जाता है।

रूड़की के राष्ट्रीय जलविज्ञान संस्थान (एनआईएच) ने अपने अध्ययन में सिफारिश की थी कि जनवरी और फरवरी में हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथनीकुंड बैराज से प्रति सेंकेंड 10 घनमीटर के स्थान पर 23 घनमीटर पानी छोड़ा जाए ताकि यमुना नदी के अगले हिस्से में पारिस्थितिकी बरकरार रहे।

हथनीकुंड बैराज क्रमश: पश्चिमी यमुना नहर और पूर्वी यमुना नहर के माध्यम से हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश में सिंचाई तथा दिल्ली में निगमीय जलापूर्ति के लिए नदी में प्रवाह को विनियमित करता है।

हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दाखिल अपने जवाब में कहा, ‘‘ राज्य पहले ही 1994 के सहमति ज्ञापन के तहत रोजाना आधार पर हथनीकुंड से प्रति सेकेंड 10घनमीटर पानी छोड़ रहा है । इस सहमति ज्ञापन पर 2025 के बाद ही पुनर्विचार किया जा सकता है यदि साझेदार राज्यों में कोई ऐसा चाहता है।’’

उसने कहा कि राज्य पर्यावरणीय प्रवाह की मात्रा बढ़ाने की एनआईएच की सिफारिश से पूरी तरह असहमत है क्योंकि ऐसा करने से हरियाणा में ‘पर्यावरणीय आपदा’ उत्पन्न हो सकती है ।

हरियाणा सरकार ने यह विषय जलशक्ति मंत्रालय के सामने उठाया है और उससे एनआईर्एच की रिपोर्ट नहीं स्वीकार करने की अपील की है।

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Web Title: Increasing environmental flow in Delhi section may cause environmental disaster: Haryana

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