जल संरक्षण को जीवन शैली में शामिल करें: उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू
By भाषा | Published: November 11, 2020 07:59 PM2020-11-11T19:59:13+5:302020-11-11T19:59:13+5:30
नयी दिल्ली, 11 नवंबर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बुधवार को कहा कि जल एक सीमित संसाधन है और हमें अपनी जीवनशैली में बदलाव लाकर जल संरक्षण को इसमें शामिल करना चाहिये।
नायडू ने कहा, ''अगर हम जल की बर्बादी पर लगाम नहीं लगाएंगे और युद्ध स्तर पर जल संरक्षण नहीं करेंगे तो भविष्य में पेयजल के दुर्लभ संसाधन बनने का खतरा बना रहेगा।''
उपराष्ट्रपति ने देशभर में जल प्रबंधन एवं संरक्षण में उत्कृष्ट योगदान देने वालों के सम्मान में आयोजित राष्ट्रीय जल पुरस्कार कार्यक्रम में कहा, ''लोगों तक बार-बार यह संदेश पहुंचाए जाने की जरूरत है कि जल सीमित संसाधन है। प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह पानी की बचत कर विवेकपूर्ण तरीके से उसका उपयोग करे। समय की जरूरत है कि हम अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं और जल संरक्षण को इसमें शामिल करें।''
तमिलनाडु को ‘सर्वश्रेष्ठ राज्य’ का पुरस्कार मिला। महाराष्ट्र और राजस्थान को भी पुरस्कार दिए गए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि क्षेत्र में पानी के प्रभावी तरीके से इस्तेमाल के लिए सूक्ष्म-सिंचाई, टपक और छिड़काव आधारित सिंचाई को बढ़ावा दिए जाने की जरूरत है ।
नायडू ने कहा कि भारत में वर्तमान में प्रति वर्ष 1100 अरब घन मीटर पानी की जरूरत होती है और 2050 तक इसके 1447 अरब घर घन मीटर पहुंच जाने का अनुमान है ।
भारत में दुनिया की आबादी का 18 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा है लेकिन दुनिया का केवल चार प्रतिशत पानी और दुनिया की 2.4 प्रतिशत भूमि यहां पर है।
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