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CAA के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन: UP में 705 लोग गिरफ्तार, हिरासत में 4500 लोग

By भाषा | Updated: December 22, 2019 04:57 IST

अभी तक 14101 सोशल मीडिया पोस्‍ट पर कार्रवाई हुई है। इनमें 5965 ट्वीट, 7995 फेसबुक और 141 यूट्यूब पोस्‍ट शामिल हैं। इस बीच, शनिवार को हिंसा की कुछ ताजा घटनाएं भी हुईं। रामपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव में एक व्‍यक्ति की मौत हो गयी।

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ठळक मुद्देसीएए का विरोध करने के लिये ईदगाह के नजदीक जमा हुई करीब 500 लोगों की भीड़ और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ।हिंसक वारदात के मामले में अब तक कुल 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शनिवार को कानपुर और रामपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं के बीच पिछले गुरुवार से अब तक राज्‍य के विभिन्न जिलों में प्रदर्शनकारियों-पुलिस के बीच हुए हिंसक टकराव में मरने वालों की संख्या बढ़कर 16 हो गई है। पूरे सूबे में अब तक 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून-व्यवस्था) प्रवीण कुमार ने शनिवार को 'भाषा' को बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा में अब तक 15 लोग मारे जा चुके हैं।

इनमें से मेरठ में चार, फिरोजाबाद में तीन, कानपुर और बिजनौर में दो-दो, वाराणसी, संभल, रामपुर और लखनऊ में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। घायलों में 263 पुलिसकर्मी हैं उनमें से 57 को गोली लगी है। कुमार ने बताया कि प्रदेश में हुई हिंसक वारदात के मामले में अब तक कुल 705 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि 4500 लोगों को हिरासत में लिया गया है। उन्‍होंने दावा किया कि टकराव स्‍थलों से पुलिस को गोलियों के 405 खाली खोखे मिले हैं। उन्‍होंने बताया कि विभिन्‍न सोशल मीडिया माध्‍यमों पर आपत्तिजनक पोस्‍ट डालने के आरोप में 102 अन्‍य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। 

अभी तक 14101 सोशल मीडिया पोस्‍ट पर कार्रवाई हुई है। इनमें 5965 ट्वीट, 7995 फेसबुक और 141 यूट्यूब पोस्‍ट शामिल हैं। इस बीच, शनिवार को हिंसा की कुछ ताजा घटनाएं भी हुईं। रामपुर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच टकराव में एक व्‍यक्ति की मौत हो गयी। सीएए का विरोध करने के लिये ईदगाह के नजदीक जमा हुई करीब 500 लोगों की भीड़ और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसूगैस का इस्‍तेमाल किया। जिलाधिकारी आंजनेय सिंह ने बताया कि बलवाइयों ने एक पुलिस वाहन समेत पांच दोपहिया वाहनों तथा एक कार को आग के हवाले कर दिया।

भीड़ में 12 से 18 साल तक के लड़कों ने भी पथराव किया। उन्होंने बताया कि उन्हें इस वारदात में कुछ बाहरी तत्वों के शामिल होने की आशंका है। इस बीच कानपुर में शनिवार को एक बार फिर पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच फिर संघर्ष हुआ। अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने यतीमखाना पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान जबरदस्त पथराव भी हुआ जिसमें कई लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि बाबूपुरवा, नयी सड़क, मूलगंज, दलेलपुरवा, हलीम कालेज और अन्य मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों ने सड़कों और गलियों में एकत्र होकर प्रदर्शन किया।

प्रकाश ने बताया कि सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी और पूर्व विधायक एवं सपा नेता कमलेश दिवाकर को एहतियातन गिरफ्तार कर लिया गया है। उधर चार दिन तक शांतिपूर्ण माहौल के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शनिवार को फिर से विरोध प्रदर्शन हुआ। विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने साथ मिलकर नए नागरिकता कानून का विरोध जताया। प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को शहर के शाह जमाल इलाके में प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर पुलिस द्वारा किए गए हल्के बल प्रयोग का भी विरोध किया। एएमयू ने हिंसा के मामले में आंतरिक जांच कराने का फैसला किया है।

एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने शनिवार को बताया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति वी.के.गुप्ता गत 15 और 16 दिसम्बर को परिसर में हुई हिंसा की जांच करेंगे। इस बीच, पुलिस महानिदेशक ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि पुलिस ने किसी पर भी गोली नहीं चलाई और जो लोग गोली लगने से मरे हैं वे प्रदर्शनकारियों के बीच हुई क्रॉस फायरिंग की जद में आने के कारण मारे गए हैं। 

उन्होंने जोर देते हुए कहा अगर किसी व्यक्ति की पुलिस की गोली लगने से मौत हुई है तो हम उसकी न्यायिक जांच कराकर कार्रवाई करेंगे। मगर सच्चाई यह है कि पुलिस ने गोली नहीं चलाई। सिंह का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं को बच्चों को ढाल बनाया था। बच्चों को नहीं पता है कि नागरिकता क्या है और वे पत्थरों के साथ वहां मौजूद थे । राज्य के 75 में से एक चौथाई जिले हिंसा से प्रभावित हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ है। हिंसा में एनजीओ और राजनीतिक लोग भी शामिल हो सकते हैं। लखनउ में गुरुवार को हुई हिंसा के मामले में 218 लोगों को गिरफ्तार किया गया है ।

इस सवाल पर कि क्या हिंसा में बांग्लादेश के लोग शामिल हो सकते हैं, सिंह ने कहा कि जांच करा रहे हैं। विवेचना में हमारी टीम सभी एंगल देख रही है। इस बीच लखनउ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने दावा किया कि अराजक तत्व शहर छोड़कर भाग गये हैं । जिन लोगों ने भीड को भडकाकर एकत्र किया है, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी । हम तथ्यों के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं ।

गौरतलब है कि शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद राज्य के मेरठ, फिरोजाबाद, गोरखपुर, गाजियाबाद समेत करीब 20 जिलों में जिलों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच संघर्ष हुआ था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात की। योगी ने शुक्रवार देर रात जारी बयान में पूरे प्रदेश में शांति बहाली की अपील करते हुए कहा कि लोग अफवाहों में न पड़ें और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में भी न आएं।

लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, अलीगढ, गाजियाबाद, वाराणसी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बरेली, फिरोजाबाद, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शामली, संभल, अमरोहा, मउ, आजमगढ और सुल्तानपुर सहित कई बडे शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।

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