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जातीय जनगणना पर गरमायी सियासत के बीच जदयू विधान पार्षद ने केन्द्र की मोदी सरकार पर लगाया जनगणना टलवाने का आरोप

By एस पी सिन्हा | Updated: May 7, 2023 16:24 IST

पार्टी कार्यालय में रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत 'पर्दे मे रहने दो पर्दा ना उठाओ' गाने का वीडियो चला कर किया। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार जनगणना की भी विरोधी है।

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ठळक मुद्देजदयू विधान पार्षद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोलाउन्होंने पूछा- दुनिया के 80 प्रतिशत देश ने जनगणना पूरा कर लिया फिर केंद्र सरकार ने जनगणना पूरा क्यों नहीं किया?

पटना: बिहार में जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट के द्वारा तत्काल रोक लगाए जाने के बाद जारी सियासी वाकयुद्ध के बीच जदयू विधान पार्षद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दुनिया के 80 प्रतिशत देश ने जनगणना पूरा कर लिया फिर केंद्र सरकार ने जनगणना पूरा क्यों नहीं किया?

पार्टी कार्यालय में रविवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत 'पर्दे मे रहने दो पर्दा ना उठाओ' गाने का वीडियो चला कर किया। जदयू प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र सरकार जनगणना की भी विरोधी है। उन्होंने भाजपा और केंद्र सरकार से सवाल पूछा है कि एक तरफ बैठक में कहते हैं हम इसके पक्षधर हैं और दूसरी तरफ ...। नीरज कुमार ने खुलासा किया कि याचिकाकर्ता कौन है? 

उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता यूथ फॉर इक्वलिटी केंद्र में ओबीसी आरक्षण का विरोध कर चुका है। उन्होंने कहा कि जातीय गणना के रोक के लिए जो छह आवेदन कर्ता हैं। वे सभी अमित शाह के दुलरुआ हैं। इसमें प्रो. माखन लाल, प्रो. संगीत कुमार रागी, प्रो. कपिल कुमार, डॉ. भूरे लाल, अहना कुमारी और एक सोच, एक प्रयास शामिल है। 

उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं के सह पर यह याचिका दाखिल की गई है। नीरज ने पूछा- भाजपा बताए कि इस संस्था का भाजपा से क्या संबंध है? उन्होंने याचिकाकर्ताओं का फोटो और वीडियो भी जारी किया है। जिसमें वह केंद्र के कई मंत्री यहां तक कि गृह मंत्री अमित शाह के साथ मौजूद हैं। 

नीरज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार सिर्फ जाति गणना विरोधी नहीं है। वह जनगणना विरोधी भी है। पिछले डेढ़ सौ सालों में पहली बार हो रहा है कि देश में 10 साल में जनगणना नहीं हो रही है। 

अंतिम जनगणना 2011 में की गई थी। इसके बाद 2021 में तय था, लेकिन मोदी सरकार ने कोविड का बहाना बनाकर आज तक जनगणना नहीं की। जनगणना नहीं कराए जाने से देश में संविधानिक संकट पैदा हो गया है। परिसीमन कैसे किया जाएगा?

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