ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 10 स्थानों की छलांग के साथ दूसरे नंबर पर, पहले स्थान पर आंध्र प्रदेश

By भाषा | Published: September 5, 2020 07:56 PM2020-09-05T19:56:49+5:302020-09-05T22:01:00+5:30

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार राज्यों-संघ शासित प्रदेशों को यह रैंकिंग कारोबार सुधार कार्रवाई योजना-2019 के क्रियान्वयन के आधार पर दी गई है।

In the Ease of Doing Business rankings, Uttar Pradesh jumped 10 places to second, Andhra Pradesh in first place | ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश 10 स्थानों की छलांग के साथ दूसरे नंबर पर, पहले स्थान पर आंध्र प्रदेश

योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

Highlightsइस लिस्ट में मध्य प्रदेश (चौथा), झारखंड (पांचवें), छत्तीसगढ़ (छठे), हिमाचल प्रदेश (सातवें), राजस्थान (आठवें) स्थान पर है।संघ शासित प्रदेशों में असम 20वें, जम्मू-कश्मीर 21वें, गोवा 24वें, बिहार 26वें, केरल 28वें और त्रिपुरा सबसे नीचे 36वें स्थान पर है।

नयी दिल्ली: राज्यों और संघ शासित प्रदेशों की कारोबार सुगमता रैंकिंग में आंध्र प्रदेश एक बार फिर से शीर्ष पर रहा है। यह लगातार तीसरा अवसर है जब आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर रहा है। यह रैंकिंग उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने तैयार की है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार राज्यों-संघ शासित प्रदेशों को यह रैंकिंग कारोबार सुधार कार्रवाई योजना-2019 के क्रियान्वयन के आधार पर दी गई है। उत्तर प्रदेश इस रैंकिंग में 2019 में 10 स्थानों की छलांग के साथ दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।

2018 में उत्तर प्रदेश 12वें स्थान पर था। वहीं तेलंगाना एक स्थान फिसलकर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। 2018 में वह दूसरे स्थान पर था। इनके बाद क्रमश: मध्य प्रदेश (चौथा), झारखंड (पांचवें), छत्तीसगढ़ (छठे), हिमाचल प्रदेश (सातवें), राजस्थान (आठवें), पश्चिम बंगाल (नौवें) और गुजरात (दसवें) स्थान पर रहा है। दिल्ली इस रैंकिंग में 12वें स्थान पर है।

इसके पिछले संस्करण में दिल्ली 23वें स्थान पर थी। गुजरात पांचवें स्थान से फिसलकर दसवें स्थान पर पहुंच गया है। संघ शासित प्रदेशों में असम 20वें, जम्मू-कश्मीर 21वें, गोवा 24वें, बिहार 26वें, केरल 28वें और त्रिपुरा सबसे नीचे 36वें स्थान पर है। रिपोर्ट जारी करते हुए वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि राज्यों ने इस पूरी प्रक्रिया को सही भावना से लिया है।

इससे राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को कारोबार की दृष्टि से बेहतर गंतव्य बनने में मदद मिलेगी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस रैंकिंग से पता चलता है कि राज्य और संघ शासित प्रदेश अपनी प्रणाली और प्रक्रियाओं को बेहतर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह उन राज्यों के लिए सजग होने का समय है, जो रैंकिंग में फिसल गए हैं।

गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय मंजूरियों के लिए एकल खिड़की प्रणाली जैसे कदमों पर काम कर रहा है। वर्ष 2015 की रैंकिंग में गुजरात शीर्ष पर था, जबकि आंध्र प्रदेश दूसरे और तेलंगाना 13वें स्थान पर था। 2016 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना संयुक्त रूप से शीर्ष पर थे। जुलाई, 2018 में जारी पिछली रैंकिंग में आंध्र प्रदेश पहले स्थान पर था।

वहीं तेलंगाना दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर था। इस बार की रैंकिंग में हरियाणा फिसलकर 16वें स्थान पर पहुंच गया है। इस पूरी प्रक्रिया का मकसद राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना है, जिससे वे घरेलू के साथ विदेशी निवेश भी आकर्षित कर सकें। यह इस रिपोर्ट का चौथा संस्करण है। राज्यों को रैंकिंग कई मानकों मसलन निर्माण परमिट, श्रम नियमन, पर्यावरण पंजीकरण, सूचना तक पहुंच, जमीन की उपलब्धता तथा एकल खिड़की प्रणाली के आधार पर दी जाती है।

डीपीआईआईटी विश्वबैंक के सहयोग से सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के लिए कारेबार सुधार कार्रवाई योजना (बीआरएपी) के तहत सालाना सुधार प्रक्रिया करता है। विश्वबैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में भारत 14 स्थानों की छलांग के साथ 63वें स्थान पर पहुंचा था। भाषा अजय अजय मनोहर मनोहर

Web Title: In the Ease of Doing Business rankings, Uttar Pradesh jumped 10 places to second, Andhra Pradesh in first place

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