कन्याकुमारी में टीचर कक्षा में कर रहा था ईसाई धर्म का प्रचार, बाइबिल बनाम गीता पर देता था उपदेश, जिला प्रशासन कर रहा है जांच

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 13, 2022 05:11 PM2022-04-13T17:11:17+5:302022-04-13T17:20:09+5:30

कन्याकुमारी के सरकारी स्कूल की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनके टीचर पियात्रिस थंगम कक्षा में उन्हें अन्य डिजाइन की सिलाई करने की जगह ईसाई धर्म के प्रतीक 'क्रूस' को सिलने के लिए मजबूर किया और कक्षा में ईसाई प्रार्थना करने के लिए मजबूर करते थे।

In Kanyakumari, the teacher used to preach Christianity in the class, preached on the Bible versus the Gita, the district administration set up investigation | कन्याकुमारी में टीचर कक्षा में कर रहा था ईसाई धर्म का प्रचार, बाइबिल बनाम गीता पर देता था उपदेश, जिला प्रशासन कर रहा है जांच

कन्याकुमारी में टीचर कक्षा में कर रहा था ईसाई धर्म का प्रचार, बाइबिल बनाम गीता पर देता था उपदेश, जिला प्रशासन कर रहा है जांच

Highlightsकन्याकुमारी के कन्नातुविलई सरकारी स्कूल में एक टीचर कक्षा में ईसाई धर्म का प्रचार कर रहा था सिलाई टीचर पियात्रिस थंगम ने कक्षा में ईसाई धर्म के प्रतीक 'क्रूस' को सिलने के लिए मजबूर कियाटीचर थंगम कक्षा में कहते थे कि बाइबिल सबसे अच्छी धार्मिक किताब है

चेन्नई: सरकारी स्कूल में टीचर द्वारा कक्षा में धर्म विशेष के बारे में प्रवचन देने के कारण कन्याकुमारी में काफी तनाव है। जानकारी के मुताबिक कुछ अभिवावकों की शिकायत के बाद कन्याकुमारी के मुख्य शिक्षा अधिकारी पुगाझेंडी ने बुधवार मामले की जांच के लिए आदेश दिया है।

बताया जा रहा है कि कन्नातुविलई सरकारी स्कूल में सिलाई शिक्षक के तौर पर पदस्थापित एक शिक्षक ने अपनी कक्षा के दौरान छात्राओं के बीच ईसाई धर्म के प्रचार के मकसद से बाइबल की विशेषताओं के बारे में बात की।

एबीपी नाडु की रिपोर्ट के मुताबिक छात्रोाओं ने आरोप लगाया कि सिलाई की कक्षा में पढ़ाने वाले टीचर पियात्रिस थंगम ने कक्षा में ईसाई धर्म की खासियत को लेकर प्रवचन दे रहे थे।

यही नहीं छात्राओं का आरोप है कि पियात्रिस थंगम ने कक्षा में उन्हें अन्य डिजाइन की सिलाई करने की जगह ईसाई धर्म के प्रतीक 'क्रूस' को सिलने के लिए मजबूर किया और कक्षा में ईसाई प्रार्थना करने के लिए मजबूर किया।

रिपोर्ट के मुताबिक छात्राओं ने कहा, "टीचर थंगम उनसे कहते थे कि बाइबिल सबसे अच्छी धार्मिक किताब है जबकि भगवद गीता के उपदेशों का पालन नहीं किया जाना चाहिए। इसके अलावा वो बाइबिल में लिखे उपदेशों का भी कक्षा में प्रचार किया करते थे।"

छात्राओं की शिकायक पर प्रतिक्रिया देते हुए कन्याकुमारी जिले के सीईओ पुगाझेंडी ने कहा कि उन्हें कन्नातुविलई सरकारी स्कूल में हुई धार्मिक विवाद की घटना का पता चला है और वो इस मामले की जांच उच्चाधिकारियों से करा रहे हैं।

सीईओ पुगाझेंडी ने कहा, "मैंने जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश दिया है कि वो स्कूल का दौरा करने मामले की गंभीरता से जांच करें और उसकी रिपोर्ट सौंपे। रिपोर्ट आने के बाद मामले में कानूनी एक्शन लिया जाएगा।"

इसके साथ ही पुगाझेंडी ने कहा, "स्कूल में छात्रा-छात्राओं के बीच टीचर द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा या बहस करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, लेकिन अगर स्कूल में किसी विशेष धर्म को बढ़ावा या उसका प्रचार किया जाता है तो यह एक अपराध है और अगर ऐसा सिद्ध होता है तो टीचर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।।"

Web Title: In Kanyakumari, the teacher used to preach Christianity in the class, preached on the Bible versus the Gita, the district administration set up investigation

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