दिल्ली में कोविड-19 का पहला टीका एम्स के सफाई कर्मी को दिया गया, हर्षवर्धन ने ऐतिहासिक दिन बताया
By भाषा | Updated: January 16, 2021 21:28 IST2021-01-16T21:28:46+5:302021-01-16T21:28:46+5:30

दिल्ली में कोविड-19 का पहला टीका एम्स के सफाई कर्मी को दिया गया, हर्षवर्धन ने ऐतिहासिक दिन बताया
नयी दिल्ली, 16 जनवरी राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान की शनिवार को शुरुआत पर राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एक सफाईकर्मी मनीष कुमार पहले व्यक्ति बने जिन्हें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की मौजूदगी में कोविड-19 का टीका लगाया गया।
इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने तालियां बजायी। एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया को भी टीका लगाया गया। इसके बाद नीति आयोग के सदस्य वी के पॉल ने भी टीका लगवाया।
मनीष कुमार अपनी मां लक्ष्मी रानी के साथ एम्स में काम करते हैं। कुमार ने कहा कि वह बिल्कुल भी घबराये हुए नहीं थे और उन्हें ‘‘गर्व है कि उन्होंने टीका लगवाया।’’
हर्षवर्धन ने कहा कि दोनों टीके--भारत बायोटेक के स्वदेश विकसित कोवैक्सीन और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका के कोविशील्ड--इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक 'संजीवनी' हैं।
टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद हर्षवर्धन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ये टीके महामारी के खिलाफ लड़ाई में हमारी 'संजीवनी' हैं। हमने पोलियो के खिलाफ लड़ाई जीती है और अब हम कोविड के खिलाफ युद्ध जीतने के निर्णायक चरण में पहुंच गए हैं। मैं इस अवसर पर अग्रिम मोर्चे के सभी कर्मियों को बधाई देता हूं।’’
वहीं, राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में एक सुरक्षा गार्ड को पहला टीका लगाया गया। उसे कोवैक्सीन लगाया गया। साथ ही, सफदरजंग अस्पताल में भी एक सुरक्षा गार्ड को पहला टीका लगाया गया।
कई चिकित्सकों, नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को इन अस्पतालों में टीके दिये गए।
इससे पहले दिन में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महामारी के खिलाफ दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यहां लोक नायक जय प्रकाश नारायण (एलएनजेपी) अस्पताल में कोविड-19 टीकाकरण अभियान का निरीक्षण किया और उन कुछ स्वास्थ्य कर्मियों से बाचतीत की, जिन्हें टीके लगाये गए हैं। केजरीवाल ने भी लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और विशेषज्ञों की बात सुनने के लिए कहा, जिनका कहना है कि कोविड-19 टीके सुरक्षित हैं।
हर्षवर्धन ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा, ‘‘हमें कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी पूरी लड़ाई के दौरान प्रधानमंत्री का आशीर्वाद मिला है। यह दुनिया में सबसे बड़ा कोरोना वायरस टीकाकरण कार्यक्रम है।’’
हर्षवर्धन ने कोरोना वायरस टीकों - कोविशील्ड और कोवैक्सीन - के सुरक्षित होने पर जोर देते हुए कहा, ‘‘विशेषज्ञों ने परिणाम देखने के बाद अपनी स्वीकृति दी। टीकों में कोई अंतर नहीं है। दोनों समान रूप से सुरक्षित और कारगर हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे समय में जब अफवाहें फैलाई जा रही हैं, मुझे उम्मीद है कि मीडिया सही जानकारी फैलाएगा और इस कदम से महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद मिलेगी।’’
हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि भारत बायोटेक के कोवैक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण जारी है। उन्होंने कहा, ‘‘यह टीका पर्याप्त जांच पड़ताल से होकर गुजरा है।’’
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘‘किसी भी डरने की कोई जरूरत नहीं है। हमें बिल्कुल निडर रहना है और इस टीके की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से सुनिश्चित रहना है। सभी को अपनी बारी का इंतजार करना होगा।’’
सरकार के अनुसार, टीके पहले अनुमानित एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के लगभग दो करोड़ कर्मियों को और उसके बाद 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को लगाए जाएंगे। इसके बाद 50 साल से कम उम्र के उन व्यक्तियों को टीके लगाए जाएंगे, जो कई बीमारियों से पीड़ित हैं।
स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर कार्यरत कर्मियों के टीकाकरण का खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
हर्षवर्धन ने कहा कि सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेश में 3,006 स्थलों पर एकसाथ टीकाकरण किया गया। उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्थल पर करीब 100 लाभार्थियों को टीके लगाये गए।
138 करोड़ की आबादी और ‘यूनिवर्सल इम्युनाइजेशन प्रोग्राम’ चलाने वाला भारत इतिहास बनाने की दहलीज पर खड़ा है और दुनिया भर में अन्य को आगे का रास्ता दिखा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘चेचक और पोलियो के बाद, अब कोविड-19 की बारी है। सभी दूरदराज, क्षेत्रों, शहरी झुग्गी, आदिवासी क्षेत्र आज की कवायद में शामिल हैं।’’
हर्षवर्धन ने इस विशाल कवायद के लिए की गई तैयारियों के बारे में विस्तार से बताया।
उन्होंने बताया, ‘‘एक लाख से अधिक ‘वैक्सीनेटरों’ को प्रशिक्षित किया गया था, कई पूर्वाभ्यास किए गए थे, मामूली खामियों को दूर करने के लिए एक अखिल भारतीय राष्ट्रीय पूर्वाभ्यास भी किया गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी का उपयोग प्रदर्शन सुदृढ़ करने के लिए किया गया। ‘इविन’ प्लेटफॉर्म को ‘कोविन’
में परिवर्तित किया गया, (शनिवार के सत्र के लिए) पिछले दो दिनों से सभी लाभार्थियों को एसएमएस भेजे गए। इसे उनकी दूसरी खुराक के लिए दोहराया जाएगा।’’
पॉल ने टीका लगवाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए लोगों से ‘‘टीका लगवाने’’ का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यह एक अच्छा टीका है। मैंने कोवैक्सीन लिया है। टीके को अपनायें। दोनों टीकें, जिन्हें सरकार ने अधिकृत किया है वे दोनों सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक हैं। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया इसे अपनायें क्योंकि इस तरह से आप अपने परिवार और अपने समुदाय की मदद करेंगे।’’
टीके के कारगर होने से जुड़ी चिंताओं पर उन्होंने कहा कि इसके कोई सबूत नहीं है कि यह सुरक्षित नहीं है और ये गलत अफवाहें और विमर्श हैं।
हर्षवर्धन ने एम्स के बाद कोविशील्ड टीकाकरण कार्यक्रम का निरीक्षण करने के लिए सर गंगा राम अस्पताल का भी दौरा किया।
अस्पताल के एक बयान में हर्षवर्धन के हवाले से कहा गया, ‘‘भारत ने आज सबसे बड़ा टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया है। हमें भारत के टीकाकरण कार्यक्रम पर गर्व होना चाहिए और मैं टीके के कारगर होने के प्रति लोगों को आश्वस्त करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने कोविड-19 संकट के चरम के दौरान कई बार सर गंगा राम अस्पताल का दौरा किया है। यही कारण है कि मैं आज इस अस्पताल का दौरा कर रहा हूं क्योंकि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के दौरान सर गंगा राम अस्पताल सबसे आगे रहा है। लोगों को इस महत्वपूर्ण टीकाकरण कार्यक्रम में राजनीति नहीं करनी चाहिए।
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