संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम में बोले मोहन भागवत, अनुचित तरीके से कराया गया धर्म परिवर्तन गलत
By भारती द्विवेदी | Published: September 19, 2018 07:21 PM2018-09-19T19:21:53+5:302018-09-19T19:28:47+5:30
संघ के तीन दिवसीय सम्मेलन को अंतिम दिन संबोधित करते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि भारत में नयी शिक्षा नीति की जरूरत है।
नई दिल्ली, 19 सितंबर: विज्ञान भवन में राष्ट्रीय संघ सेवक (आरएसएस) के तीन दिवसीय कार्यक्रम 'भारत का भविष्य' का आयोजन चल रहा है। इस कार्यक्रम संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी है। हिंदुत्व पर बात करते हुए उन्होंने कहा है- 'अन्य मंठपंथों के साथ तालमेल करने वाली एकमात्र विचारधारा, ये भारत की विचाराधारा है। हिंदुत्व की विचाराधारा है। भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू ही हैं, पहचान की दृष्टि से और राष्ट्रीयता की दृष्टि से।'
Anya matpanthon ke saath taalmel karne waali ekmatr vichardhara, ye Bharat ki vichardhara hai, Hindutva ki vichardhara hai...Bharat mein rehne waale sablog Hindu hi hain, pehchaan ki drishti se, rashtriyata ki drishti se: RSS Chief Mohan Bhagwat in Delhi pic.twitter.com/CxrUpx8AiO
— ANI (@ANI) September 19, 2018
देश में हो गौरक्षा के नाम पर हो रही मॉब लिंचिंग पर बात करते हुए उन्होंने कहा है- 'क्यों सिर्फ गाय के मुद्दों पर, किसी भी और मुद्दे पर कानून अपने हाथ में लेना गलत है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन गाय भक्ति का मामला है। गौरक्षा तो होनी चाहिए। संविधान का भी मार्गदर्शक तत्व है तो उसका पालन भी होना चाहिए।'
Why only over issue of cows, to take law into hands over any issue is wrong & a crime. Strict action should be taken. But cow is a matter of devotion. Gauraksha to honi chahiye. Samvidhan ka bhi margdarshak tatva hai to uska paalan karna chahiye: RSS Chief Mohan Bhagwat in Delhi pic.twitter.com/jUxNRpAet1
— ANI (@ANI) September 19, 2018
गौरक्षा पर बात करते हुए मोहन भागवत ने कहा- 'लेकिन गौरक्षा केवल कानून से नहीं होती है। गौरक्षा करने वाले देश के नागरिक गाय को पहले रखें। गाय को रखें नहीं और खुला छोड़ देंगे तो उपद्रव होगा तो गौरक्षा के बारे में आस्था पर प्रश्न लगता है।'
Lekin gauraksha kewal kanoon se nahi hoti hai. Gauraksha karne waale desh ke nagrik gaay ko pehle rakhein. Gaay ko rakhein nahi aur khula chhodd denge to updrav hoga, to gauraksha ke baare mein aastha par prashn lagta hai: Mohan Bhagwat, RSS Chief in Delhi pic.twitter.com/mWMWTwOSmA
— ANI (@ANI) September 19, 2018
संघ के तीन दिवसीय कार्यक्रम में बोलते हुए आरएसएस प्रमुख ने तमाम मुद्दों पर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा है कि हिंदुत्व के खिलाफ कोई आक्रोश नहीं, हिंदुत्व की स्वीकार्यता विश्व भर में बढ़ रही है। हमें एक ऐसा माहौल बनाना होगा जहां महिलाएं सुरक्षित और संरक्षित महसूस करें। अंग्रेजी से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, हमें इस भाषा में धाराप्रवाह बोलने वाले लोग चाहिए। आपको अंग्रेजी समेत किसी भी भाषा का विरोध नहीं करना चाहिए।
अंतरजातीय विवाह के मुद्दे पर मोहन भागवत ने कहना है कि संघ अंतरजातीय विवाह के खिलाफ नहीं है और यह पुरुष तथा महिला के बीच तालमेल का मुद्दा है। अंतरजातीय विवाह, शिक्षा और जातीय व्यवस्था जैसे मुद्दों पर अनेक प्रश्नों का उत्तर देते हुए भागवत ने कहा कि अगर अंतरजातीय विवाहों की गिनती करा ली जाए तो उनमें अधिकतम मामले संघ से होंगे।