पश्चिम बंगाल और राजस्थान में जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन असंतोषजनक : जल शक्ति मंत्रालय

By भाषा | Published: November 3, 2020 10:07 PM2020-11-03T22:07:45+5:302020-11-03T22:07:45+5:30

Implementation of Water Life Mission in West Bengal and Rajasthan unsatisfactory: Ministry of Water Power | पश्चिम बंगाल और राजस्थान में जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन असंतोषजनक : जल शक्ति मंत्रालय

पश्चिम बंगाल और राजस्थान में जल जीवन मिशन का क्रियान्वयन असंतोषजनक : जल शक्ति मंत्रालय

नयी दिल्ली, तीन नवंबर केंद्र ने मंगलवार को कहा कि ‘जल जीवन मिशन’ के क्रियान्वयन के मामले में पश्चिम बंगाल और राजस्थान की स्थिति असंतोषजनक है।

केंद्र ने यह बयान केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा मंगलवार को राज्यों के मंत्रियों और जल विभाग के प्रभारी अधिकारियों के साथ वर्ष 2024 तक सभी ग्रामीण घरों को नल के जरिये जलापूर्ति करने के लक्ष्य में हुई प्रगति पर चर्चा के लिए की गई बैठक के बाद दिया।

मंत्री ने पत्रकारों से कहा कि पिछले सप्ताह मंत्रालय ने जल जीवन मिशन के लागू करने के संदर्भ में पश्चिम बंगाल के प्रदर्शन को ‘निराशाजनक’ करार दिया था और आज राज्य का प्रतिनिधि बैठक में शामिल नहीं हुआ।

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब इस बैठक में शामिल हुए।

शेखावत ने कहा, ‘‘हमारी राजनीतिक प्रतिबद्धताएं अलग हो सकती है लेकिन राज्यों द्वारा जल जीवन मिशन को लागू करने के लिए दिखाया गया उत्साह अभूतपूर्व है।’’

उन्होंने कहा कि दिल्ली ने बेहतर प्रदर्शन किया है और कुछ को छोड़कर बाकी राज्य इस योजना को तेजी से लागू कर रहे हैं।

मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘जल शक्ति मंत्री ने जल-जीवन मिशन में हुई प्रगति की समीक्षा की। गोवा, तेलंगाना, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और बिहार ने अच्छे संकेत दिए हैं। पश्चिम बंगाल और राजस्थान का प्रदर्शन् असंतोषजनक है।’’

शेखावत ने कहा कि जिन राज्यों का प्रदर्शन असंतोषजन होगा उनका अनुदान वापस लेकर उन राज्यों को आवंटित कर दिया जाएगा जो बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘ गोवा ने लक्ष्य का 100 प्रतिशत हासिल कर लिया है। तेंलगाना और पुडुचेरी भी 100 प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तेजी से बढ़ रहे हैं। गुजरात, हरियाणा और हिमाचल भी योजना के संदर्भ में तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ राज्यों ने वर्ष 2024 तक और कुछ ने वर्ष 2022 में लक्ष्य हासिल करने का भरोसा जताया है।’’

मंत्री ने रेखांकित किया कि कुछ राज्यों ने वर्ष 2021 तक पहला लक्ष्य हासिल करने की बात की है।

राजस्थान के संदर्भ में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य ने पहले आवंटित 1,000 करोड़ और मौजूदा समय में आवंटित 6,000 करोड़ का अबतक इस्तेमाल नहीं किया है।

शेखावत ने कहा, ‘‘इसके अलावा राज्य औसत प्रगति से भी कहीं पीछे है।’’

उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री ने राज्य की भौगोलिक बनावट के मद्देनजर योजना के वित्त पोषण में केंद्र और राज्य का योगदान 90:10 के अनुपात में करने का अनुरोध किया है।

शेखावत ने कहा, ‘‘14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आधार पर यह स्पष्ट कर दिया गया कि पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को ही 90:10 के अनुपात में बजट आवंटित किया जाएगा।’’

राजस्थान सरकार की अलोचना करते हुए शेखावत ने कहा, ‘‘ केंद्र सरकार अन्य मदों के जरिये जो बजट दे रहा है वह कम नहीं है लेकिन मामला दूसरा है, राजस्थान की सरकार विकास कार्यों के लिए वह धन भी खर्च नहीं कर पा रही है और अलग से बजट की मांग कर रही है।’’

शेखावत राजस्थान से ही आते हैं। इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि वह राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं।

पश्चिम बंगाल के सवाल पर मंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान राज्य का कोई प्रतिनिधि मौजूद नहीं था।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह जल शक्ति मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल द्वारा योजना के क्रियान्वय की समीक्षा की थी और कार्य को असंतोषजनक करार दिया था। मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2020-21 में 55.58 लाख घरों तक नल से पानी पहुंचाने का लक्ष्य है जबकि 2.2 लाख घरों तक ही यह सुविधा अबतक पहुंचाई गई है।

मंत्री ने कहा कि आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश लक्ष्य में पीछे हैं लेकिन उन्होंने बेहतर प्रदर्शन का भरोसा दिया है। उत्तर प्रदेश की योजना वर्ष 2022 तक सभी ग्रामीण घरों तक नल से जलापूर्ति की है।

उन्होंने रेखांकित किया, ‘‘ उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधि ने इस साल का लक्ष्य पूरा करने और पिछले साल के अधूरी योजनाओं को 15 दिसबंर तक पूरी करने की प्रतिबद्धता जताई।’’

उन्होंने कहा कि इस मिशन को पिछले साल अगस्त में शुरू किया गया था और अबतक 2.55 करोड़ घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया है एवं महामारी के बावजदू राज्यों ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

गौरतलब है कि इस योजना पर 3.6 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है जिसमें से केंद्र की हिस्सेदारी 2.08 लाख करोड़ रुपये है।

Web Title: Implementation of Water Life Mission in West Bengal and Rajasthan unsatisfactory: Ministry of Water Power

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