इल्कर आयसी ने एयर इंडिया का सीईओ पद ठुकराया, स्वदेशी जागरण मंच ने नियुक्ति पर जताई थी आपत्ति
By विशाल कुमार | Published: March 1, 2022 01:47 PM2022-03-01T13:47:50+5:302022-03-01T14:25:31+5:30
आरएसएस से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने तुर्की के मौजूदा राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगन से संबंधों को लेकर सरकार से आयसी की नियुक्ति रोकने की मांग की थी। तुर्की एयरलाइन के पूर्व अध्यक्ष आयसी तब एर्दोगन के सलाहकार थे जब वह इंस्तांबुल के मेयर थे।
नई दिल्ली:एयर इंडिया के नामित एमडी और सीईओ इल्कर आयसी ने इस पद पर अपनी नियुक्ति को अस्वीकार करने से इनकार कर दिया है। समाचार चैनल ब्लूमबर्ग ने तुर्की में आयसी द्वारा जारी एक ई-मेल प्रेस विज्ञप्ति के हवाले यह जानकारी दी है।
आयसी ने एक बयान में कहा कि टाटा के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन के साथ हाल ही में एक बैठक में उन्होंने भारतीय मीडिया के कुछ वर्गों में अपनी नियुक्ति की गलत तस्वीर पेश करने के प्रयासों के बारे में पढ़ने के बाद पद लेने से इनकार कर दिया।
उन्होंने आगे कहा कि एक व्यवसायी नेता के रूप में मैंने हमेशा पेशेवर साख को प्राथमिकता दी है। इसलिए मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि इस तरह के परिस्थिति में इस पद को स्वीकार करना संभव या सम्मानजनक निर्णय नहीं होगा।
वहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स से टाटा के एक प्रवक्ता ने भी आयसी के इस फैसले की पुष्टि की।
टाटा ने पिछले महीने उनकी नियुक्ति की घोषणा की थी। आयसी की नियुक्ति के लिए आवश्यक सुरक्षा मंजूरी गृह मंत्रालय से के पास लंबित थी और उनके 1 अप्रैल को या उससे पहले पद संभालने की उम्मीद थी।
वहीं, भाजपा के वैचारिक मातृ संगठन आरएसएस से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने तुर्की के मौजूदा राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगन से संबंधों को लेकर सरकार से आयसी की नियुक्ति रोकने की मांग की थी। तुर्की एयरलाइन के पूर्व अध्यक्ष आयसी तब एर्दोगन के सलाहकार थे जब वह इंस्तांबुल के मेयर थे।
बता दें कि, भारत सरकार ने देश की एकमात्र राष्ट्रीय विमान सेवा का निजीकरण करते हुए उसे टाटा समूह को बेच दिया है और बीते 27 जनवरी को टाटा ने उसका संचालन अपने हाथ में ले लिया है।