तिरुपति, चार मार्च भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों को नए उभरते और महत्वाकांक्षी भारत का प्रतिनिधि बताते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश को ‘विश्व गुरू’ की अपनी पहचान फिर हासिल करनी होगी और एक बार फिर ज्ञान व शिक्षा का केंद्र बनना होगा।
उप राष्ट्रपति ने कहा, “यह एक मौजूदा चुनौती है। ऐसी चुनौती जिसे हमें ज्यादा परिश्रमी और स्मार्ट तरीके से काम करने वाला बनाना चाहिए। एक चुनौती जिससे हमें अपनी क्षमताओं का अहसास होना चाहिए और नियमित अभ्यास और दुनिया में श्रेष्ठ शिक्षण पद्धतियों को अपनाकर नए सिरे से परिभाषित करने वाला बनाना चाहिए।”
नायडू ने बृहस्पतिवार को ‘संस्थान दिवस’ के मौके पर आईआईटी-तिरुपति के कर्मचारियों और छात्रों से यहां संवाद किया।
उन्होंने कहा, “आईआईटी उभरते और महत्वाकांक्षी भारत की छवि का प्रतिनिधित्व करता है। यह वो भारत है जो जीवन में बदलाव लाने के लिये नए अवसर तलाश रहा है।”
उन्होंने कहा, “यह वो भारत है जो आत्मनिर्भरता की अपनी मूल क्षमता का फिर से इस्तेमाल कर रहा है। यह वह भारत है जो दुनिया में अपनी वास्तविक जगह हासिल करने के लिये प्रतिबद्ध है।”
उप राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में सुधार करके ही इस सपने को साकार किया जा सकता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।