भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकाय में "वेदों में उपस्थित विज्ञान और तकनीक की भारतीय विरासत" के लिए एक विशेष संस्कृत अध्ययन पीठ की स्थापना होगी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार ये अध्ययन पीठ का विशेष ध्यान संस्कृत भाषा से जुड़े शोध पर होगा।
इस अध्ययन पीठ के लिए आर्थिक मदद संत राजिंदर सिंह जी महाराज उपलब्ध कराएंगे। राजिंदर सिंह आईआईटी मद्रास के पूर्व छात्र हैं। आईआईटी के अनुसार राजिंदर सिंह साइंस ऑफ स्प्रिचुअलिटी एंड सावन कृपाल रुहानी मिशन के प्रमुख हैं।
आईआईटी मद्रास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि राजिंदर सिंह ने इस अध्ययन पीठ के लिए 90 लाख रुपये का चंदा दिया है। इस राशि से वैदिक और संस्कृति साहित्य से जुड़े अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। आईआईटी के अधिकारी ने कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल करके वेदों में विज्ञान और तकनीक की गवेषणा की जाएगी।
रिपोर्ट के अनुसार राजिंदर सिंह आईआईटी को ये आर्थिक मदद दो किस्तों में देंगे। पहली राशि एक मुश्त 75 लाख रुपये होगी और उसके बाद चार सालों तक हर साल 15 लाख रुपरये की एक वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस अध्ययन पीठ की अध्यक्षता संपदानंदा मिश्रा करेंगे। संपदा मिश्रा श्री अरविंदो फाउंडेशन फॉर इंडियन कल्चर के संस्कृत विशेषज्ञ हैं।