IIMC Deemed University Status: भारतीय जनसंचार संस्थान को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा, डिप्लोमा के बजाय डिग्री प्रदान करने का अधिकार
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 31, 2024 05:47 PM2024-01-31T17:47:04+5:302024-01-31T17:47:47+5:30
IIMC Deemed University Status: आईआईएमसी नयी दिल्ली और जम्मू (जम्मू कश्मीर), अमरावती (महाराष्ट्र), आइजोल (मिजोरम), कोट्टायम (केरल) और ढेंकनाल (ओडिशा) में स्थित इसके पांच क्षेत्रीय परिसरों के लिए है।
IIMC Deemed University Status: पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान, भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है, जिससे अब इसे केवल डिप्लोमा के बजाय डिग्री प्रदान करने का अधिकार मिल गया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारी ने बताया, ‘‘आईआईएमसी को विशिष्ट श्रेणी के तहत डीम्ड-टू-बी-यूनिवर्सिटी घोषित किया गया है। यह घोषणा आईआईएमसी नयी दिल्ली और जम्मू (जम्मू कश्मीर), अमरावती (महाराष्ट्र), आइजोल (मिजोरम), कोट्टायम (केरल) और ढेंकनाल (ओडिशा) में स्थित इसके पांच क्षेत्रीय परिसरों के लिए है। इस नए दर्जे के साथ आईआईएमसी अब डॉक्टरेट डिग्री सहित डिग्री प्रदान करने के लिए अधिकृत हो गया है।’’
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत 17 अगस्त 1965 को स्थापित यह संस्थान देश में अपनी तरह के प्रमुख संस्थानों में से एक है, जो पत्रकारिता में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए जाना जाता है तथा मीडिया और जन संचार के क्षेत्र में सार्थक अनुसंधान करता है। आईआईएमसी भारतीय सूचना सेवा (आईआईएस) के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण अकादमी भी है।
आईआईएमसी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारतीय जनसंचार संस्थान, नयी दिल्ली और इसके पांच क्षेत्रीय केंद्रों को विशिष्ट श्रेणी के तहत डीम्ड विश्वविद्यालय घोषित करने के लिए यूजीसी को बहुत-बहुत धन्यवाद। आईआईएमसी जनसंचार में बड़े पैमाने पर शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान को बढ़ावा देने को लेकर अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
आईआईएमसी को डीम्ड विश्वविद्यालय का दर्जा देने का विचार कोई नया नहीं है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 2016 में इस योजना को मंजूरी दी थी। वर्ष 2018 में नीति आयोग द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों की समीक्षा के दौरान, यह सिफारिश की गई थी कि आईआईएमसी का या तो जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज या जामिया मिल्लिया इस्लामिया के ए जे के मास कम्युनिकेशन रिसर्च सेंटर के साथ विलय कर दिया जाए। हालांकि, संस्थान, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और शिक्षा मंत्रालय (तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय) ने इस विचार को खारिज कर दिया था।