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जल्द 75 गांवों में सांस्कृतिक मानचित्रण शुरू करेगा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 26, 2021 11:25 IST

राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन परियोजना को संस्कृति मंत्रालय ने 2017-2018 से 2019-2020 तक 469 करोड़ रुपये के बजट के साथ 2017 में मंजूरी दी थी. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना की गति धीमी रही है.

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ठळक मुद्देसंस्कृति मंत्रालय ने 2017-2018 से 2019-2020 तक 469 करोड़ रुपये के बजट के साथ मिशन को 2017 में मंजूरी दी थी.इसका उद्देश्य कलाकारों, कला रूपों और अन्य संसाधनों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार करना है.आईजीएनसीए का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2021-2022 के अंत तक 5,000 गांवों में मानचित्रण पूरा करना होगा.

नई दिल्ली: साल 2017 में लॉन्च होने के बाद कुछ प्रगति करते हुए राष्ट्रीय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन (एनएमसीएम) का जिम्मा अब इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र को सौंप दिया गया है जो कि अक्टूबर में 75 गांवों में ट्रायल की तैयारी शुरू कर चुकी है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, परियोजना के लिए प्रशासनिक अनुमोदन के अनुसार, संस्कृति मंत्रालय ने 2017-2018 से 2019-2020 तक 469 करोड़ रुपये के बजट के साथ मिशन को 2017 में मंजूरी दी थी. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि इस परियोजना की गति धीमी रही है.

बीते 19 जुलाई को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा था कि मंत्रालय सांस्कृतिक मानचित्रण मिशन पर काम कर रहा है ताकि मंत्रालय के तहत संगठनों से कलाकारों, कला रूपों और अन्य संसाधनों का एक व्यापक डेटाबेस तैयार किया जा सके.

मंत्री ने लिखित जवाब में कहा था कि राज्य/संघ राज्य क्षेत्र-वार द्वितीयक स्रोतों के माध्यम से एनएमसीएम पोर्टल पर अब तक 14.53 लाख कलाकारों/कारीगरों का पंजीकरण किया जा चुका है. तथापि, इस मिशन के माध्यम से पंजीकृत कलाकारों/संस्था को कोई प्रत्यक्ष लाभ या सहायता नहीं दी गई है.

आईजीएनसीए के सदस्य सचिव सच्चिदानंद जोशी ने गुरुवार को बताया कि सांस्कृतिक मानचित्रण परियोजना को हाल ही में आईजीएनसीए को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि लोक कलाओं के लिए डेटाबेस बनाने और गांवों की विरासत के मानचित्रण का काम पांच वर्षों में किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि नेहरू युवा केंद्र संगठन, राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों और समाजशास्त्र एवं सामाजिक कार्य के छात्रों की टीमों को गांवों का दौरा करने और क्षेत्रों के कला रूपों और विरासत पर डेटा एकत्र करने के लिए लगाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि हम अगले महीने 75 गांवों में ट्रायल रन शुरू करेंगे. हम प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के साथ-साथ उन गांवों का चयन कर रहे हैं जो हमारे स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा रहे हैं क्योंकि हम स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहे हैं.

जोशी ने कहा कि पूरी परियोजना में पांच साल लगेंगे और इसके लिए 89 करोड़ का बजट मंजूर किया गया था, आईजीएनसीए का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2021-2022 के अंत तक 5,000 गांवों में मानचित्रण पूरा करना होगा.

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