बंदूक का लाइसेंस पाने के लिए अब लगाने होंगे दस पौधे, सबूत के तौर पर कलेक्टर को दिखाना होगा सेल्फी

By भाषा | Published: June 2, 2019 08:46 PM2019-06-02T20:46:45+5:302019-06-02T20:46:45+5:30

चुनाव प्रक्रिया पूरी होने पर अब फिर से बंदूक का लाइसेंस चाहने वालों के आवेदन कलेक्टर के पास पहुंचने लगे हैं। ग्वालियर के कलेक्टर अनुराग चौधरी ने तय किया कि जिन्हें बंदूक या रिवाल्वर का लाइसेंस चाहिए, उन्हें अपने घर के बाहर दस पौधे लगाने होंगे और पौधे लगाने का यह काम केवल औपचारिक नहीं होगा, बल्कि उसकी देखभाल भी करनी होगी।

if you want a gun license in Gwalior Plant 10 saplings, enclose selfie with application | बंदूक का लाइसेंस पाने के लिए अब लगाने होंगे दस पौधे, सबूत के तौर पर कलेक्टर को दिखाना होगा सेल्फी

ग्वालियर-चंबल अंचल में बंदूक रखना शान का प्रतीक माना जाता है। प्रतीकात्मक फोटो

मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल इलाके में बंदूक रखना लोगों के लिए शानो - शौकत का प्रतीक है और जिले के कलेक्टर ने लोगों के इस शौक को पौधारोपण से जोड़कर एक नवाचार के तहत बंदूक के लाइसेंस का आवेदन करने वालों को दस पौधे लगाने की शर्त लागू कर दी है। बंदूक का लाइसेंस चाहने वालों को न केवल दस पौधे लगाने होंगे बल्कि एक महीने तक इन पौधों की अच्छी तरह देखभाल करनी होगी और पौधे के साथ सेल्फी लेकर कलेक्टर को दिखानी होगी।

इसके साथ ही दूर दराज के इलाकों में यह योजना अच्छी तरह लागू हो, इसके लिए संबंधित इलाके का पटवारी भी इसकी जांच करके रिपोर्ट देगा। विधानसभा और लोकसभा के चुनावों के चलते कई महीनों से बंदूक के लाइसेंस कलेक्टर ने रोक रखे थे।

चुनाव प्रक्रिया पूरी होने पर अब फिर से बंदूक का लाइसेंस चाहने वालों के आवेदन कलेक्टर के पास पहुंचने लगे हैं। ग्वालियर के कलेक्टर अनुराग चौधरी ने तय किया कि जिन्हें बंदूक या रिवाल्वर का लाइसेंस चाहिए, उन्हें अपने घर के बाहर दस पौधे लगाने होंगे और पौधे लगाने का यह काम केवल औपचारिक नहीं होगा, बल्कि उसकी देखभाल भी करनी होगी।

इसके लिए उन्होंने तय किया कि शस्त्र लाइसेंस चाहने वाला व्यक्ति पौधे लगाकर देखभाल करेगा और सबूत के तौर पर उसकी सेल्फी वाली फोटो भी कलेक्टर ऑफिस में देगा। पौधा लगा है या नहीं और उसकी देखभाल हो रही है, इसके लिए इलाके का पटवारी भी रिपोर्ट देगा।

कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कहा, ‘‘जिस व्यक्ति को बंदूक या रिवाल्वर का लाइसेंस चाहिए, उसे 10 पौधे लगाने होंगे। यदि उसके घर के पास जमीन नहीं है तो शहर व गांवों में प्रशासन ने ऐसे स्थान तय कर दिए हैं, उसे वहां जाकर पौधे लगाने होंगे और लगातार एक महीने तक उनकी देखभाल करनी होगी।’’

कलेक्टर चौधरी ने यह भी बताया कि वह नए पेट्रोल पंप और स्टोन क्रशर स्थापित करने के लिए भी पौधरोपण को आवेदन का हिस्सा बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि आखिर इससे प्रदूषण फैलता है और पौधे इस प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद करेंगे।

उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को पौधारोपण के प्रति जागरूक करना है और वे खुद ही पौधा लगाने के बाद उसकी देखभाल करें। उल्लेखनीय है कि ग्वालियर-चंबल अंचल में बंदूक रखना शान का प्रतीक माना जाता है और इसी के चलते अकेले ग्वालियर में ही करीब 30 हजार बंदूक और रिवाल्वर के लाइसेंस हैं।

Web Title: if you want a gun license in Gwalior Plant 10 saplings, enclose selfie with application

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