ऐसा रहा SC/ST एक्ट के खिलाफ सवर्णों का 'भारत बंद, मुख्यमंत्री निवास की बढ़ाई गई सुरक्षा

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 6, 2018 07:59 PM2018-09-06T19:59:05+5:302018-09-06T20:00:42+5:30

बंद के मद्देनजर राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री निवास और मंत्रालय के अलावा मंत्रियों के निवास पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। बंद के दौरान प्रदेश के शहरों, कस्बों में बंद समर्थकों ने रैली निकाली और कलेक्टरों को ज्ञापन भी सौंपे।

If this happens, 'Bharat Bandh' of the upper-caste against-sc-st-acts | ऐसा रहा SC/ST एक्ट के खिलाफ सवर्णों का 'भारत बंद, मुख्यमंत्री निवास की बढ़ाई गई सुरक्षा

ऐसा रहा SC/ST एक्ट के खिलाफ सवर्णों का 'भारत बंद, मुख्यमंत्री निवास की बढ़ाई गई सुरक्षा

भोपाल, 6  सितंबर: मध्यप्रदेश में सवर्णो समाज के बंद का व्यापक असर दिखाई दिया। राजधानी भोपाल से लेकर राज्य के सभी जिलों में बंद का खासा असर दिखाई दिया। इस दौरान पेट्रोल पंप बंद और स्कूल बंद रहे। 

सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। बंद के मद्देनजर राजधानी भोपाल में मुख्यमंत्री निवास और मंत्रालय के अलावा मंत्रियों के निवास पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। बंद के दौरान प्रदेश के शहरों, कस्बों में बंद समर्थकों ने रैली निकाली और कलेक्टरों को ज्ञापन भी सौंपे। 

शहडोल में बंद के दौरान पुलिस ने आंदोलनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया जिससे कुछ घायल हो गए। बंद को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय ने भी अपना समर्थन दिया और अपनी फ्लावर शाप  को  बंद रखा। 

वहीं भारतीय जनता पार्टी के एक पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी ने एससीएसटी एस्ट्रोसिटी एक्ट में किए गए संशोधन के खिलाफ भाजपा से इस्तीफा देने का एलान कर दिया।

प्रदेश में बंद का खासा असर ग्वालियर-चंबल संभाग में दिखाई दिया। यहां पर बंद समर्थकों ने जगह-जगह प्रदर्शन किए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पूरे अंचल में आज सुबह से ही दुकानें बंद रही और सड़के सूनी रही। 

स्कूलों के अलावा पेट्रोल पंप भी बंद रहे। राजधानी भोपाल में बंद का असर आज सुबह से ही दिखाई दिया। पेट्रोल पंप संचालकों के अलावा नगर वाहन सेवाएं भी बंद रही। बाजारों में सन्नाटा पसरा रहा। वहीं स्कूल भी बंद रहे। 

राजधानी में बंद का खासा असर दिखाई दिया। वहीं पुलिस बल भी तैनात रहा। बंद के चलते  मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान ने सवर्ण समाज के बंद का समर्थन किया है।

 कार्तिकेय ने बिट्ठन मार्केट स्थित अपना फ्लावर शाप को आज पूरी तरह बंद रखा।  राजधानी में करणी सेना ने बोर्ड आफिस चौराहे पर ब्राह्मण समाज के साथ मिलकर प्रदर्शनकारियों ने सांकेतिक रुप से सरकार को चूड़ियां भेंट की। 

बाद में पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को वहां से खदेड़ दिया। वहीं ग्वालियर, चंबल, भोपाल, रीवा, उज्जैन रेंज के जिलों में पुलिस मार्च निकाले गए। मगर बंद समर्थकों पर इसका असर नहीं दिखा। 

मुख्यमंत्री निवास की बढ़ाई सुरक्षा

राजधानी में  मुख्यमंत्री निवास के अलावा  मंत्रालय और गृह मंत्री और अन्य मंत्रियों के बंगलों  पर कडी सुरक्षा रही। पूरे प्रदेश में पुलिस कंट्रोल रूम से अतिरिक्त पुलिस बल कराया गया। 

भोपाल में 3 हजार पुलिस जवान तैनात किए गए। कंट्रोल रूम से सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग की जाती रही है। प्रमुख सचिव बी।पी।सिंह और पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला दोनों मंत्रालय में वीडियो कांफं्रेसिंग से जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों से संपर्क कर पल-पल की जानकारी लेते रहे।

राजधानी के आसपास जिलों में दिखा खासा असर

राजधानी से सटे जिले विदिशा में सपाक्स संगठन के कार्यकर्ता काली शर्ट पहनकर सड़कों पर निकले और एससी, एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध किया। इन कार्यकर्ताओं ने पूरे शहर में घूमकर शांतिपूर्ण बंद का आह्वान किया और बाद में कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपा। 

विदिशा में सुबह 7 बजे से ही बंद का नजारा दिखाई दिया। बारिश के बीच युवाओं ने  रैली निकाली और भाजपा विधायक  को घेरा। विधायक के निवास पर जब विधायक से एक्ट में संशोधन पर उनकी राय जानी तो वे कुछ नहीं बोले, इस पर विधायक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। विधायक बमुश्किल वापस घर में जा पाए।

बंद का खासा असर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में भी दिखाई दिया। यहां पर बंद समर्थक बाजारों में घूमते रहे, दुकानें बंद रही। बंद समर्थकों ने दुकान बंद रखने वाले व्यावसायियों को फूलों की माला पहनाई और उनका आभार माना। 

वहीं रायसेन भी बंद में पूरी तरह बंद रहा। शहरी इलाकों में कुछ ही दुकानें खुली थी जिन्हें बंद समर्थकों ने पहुंचकर बंद कराया।  यहां भी स्कूल-कालेज और पेट्रोल पंप बंद हैं। रोज की तुलना में सड़कों पर यातायात बहुत कम है।

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के गृह जिले राजगढ़ में भी बंद का व्यापक असर रहा। दुकानें, प्रतिष्ठान, स्कूल-कालेज, पेट्रोल पंप सभी बंद हैं। बंद समर्थक सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राजगढ़, ब्यावरा, सुठालिया, खुजनेर, खिलचीपुर, कुरावर से भी पूरी तरह से बंद के सफल रहने की खबरे आई।

होशंगाबाद जिले में भी बंद समर्थकों ने रैली निकाली। घूम-घूमकर दुकानें बंद कराई गई। काले कपड़े पहनकर, काले झंडे लिए लिए बंद समर्थकों की ये रैली शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरी।

 रैली कलेक्टर कार्यालय तक पहुंची। यहां पुलिस ने मुख्य द्वार बंद कर प्रदर्शनकारियों को कलेक्टोरेट में घुसने नहीं दिया। इस पर कुछ युवाओं ने मुख्य द्वार पर चढ़कर अंदर जाने की कोशिश की, इस पर पुलिस ने उन्हें रोका।

सांसद का पुतला जलाया, विधायक पुत्र गिरफ्तार

बंद के दौरान मध्यप्रदेश के उज्जैन में भाजपा सांसद चिंतामणि मालवीय का पुतला जलाया गया। यह पुतला करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने जलाया। वहीं राज्य के भिंड में एसएटी एक्ट में संशोधन का विरोध कर रहे भाजपा विधायक नरेन्द्र कुशवाह के बेटे पुष्पेन्द्र कुशवाह के साथ एक दर्जन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 

पुलिस ने इन्हें धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया है।बताया जा रहा है कि पुष्पेन्द्र सिंह समर्थकों के साथ जुलूस निकालकर उत्पात मचाने का प्रयास कर रहे थे।

रेल रोकने का किया प्रयास

बंद का खासा असर ग्वालियर-चंबल अंचल में दिखाई दिया। यहां पर अशोक नगर में बंद समर्थक रेल पटरियों पर पहुंच गए। ये रेल रोकते उसके पहले पुलिस बल वहां पहुंचा और समथकों को हटाया। अशोक नगर के अलावा रीवा में बंद समर्थकों ने टायरों में आग लगाकर भाजपा का झंडा जला दिया। 

शहडोल में लाठी चार्ज

बंद समर्थक शहडोल में सुबह से ही सक्रिय थे। यहां पर सुरक्षा के लिए जगह-जगह पुलिस बेरिकेट्स लगाए गए थे, जिसे हटाने को लेकर पुलिस और प्रदर्शन कारियों के बीच झड़प हो गई। 

इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसा दी।लाठी चार्ज में प्रदर्शनकारियों को चोट आई हैं। लाठी चार्ज के विरोध में आंदोलनकारियों ने जगह-जगह जाम लगा दिया।

आंदोलनकारी लार्ठ चार्ज के लिए पुलिस अधीक्षक को हटाने की मांग कर रहे थे। जिला दंडाधिकारी ने लाठी चार्ज की दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए हैं।

पूर्व भाजपा विधायक ने दिया इस्तीफा

रीवा जिले के पूर्व भाजपा विधायक लक्ष्मण तिवारी ने एसएीएसटी एक्टेसिटी एक्ट में हुए संशोधन के खिलाफ आज भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि वे परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष करेगें। 

इसी बीच टीकमगढ़ जिले से भारतीय जनता युवा मोर्चा के चार पदाधिकारियों के द्बारा एससीएसटी एक्ट संशोधन के खिलाफ अपने पदों से इस्तीफा दे दिया गया।

 

(यह न्यूज़ हमारे रिपोर्टर राजेंद्र पराशर की है )

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