"अगर मोदी सरकार ने ईमानदारी से काम किया होता तो उन्हें विपक्षी नेताओं को तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती", उद्धव ठाकरे ने अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने पर भाजपा को घेरा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 13, 2024 07:25 AM2024-02-13T07:25:42+5:302024-02-13T07:29:54+5:30
शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अशोक चव्हाण के भाजपा में शामिल होने पर कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव से पहले आत्मविश्वास की कमी से जूझ रही है।
!["If Modi government had worked honestly, they would not have needed to break opposition leaders", Uddhav Thackeray hits out at BJP on Ashok Chavan leaving Congress | "अगर मोदी सरकार ने ईमानदारी से काम किया होता तो उन्हें विपक्षी नेताओं को तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती", उद्धव ठाकरे ने अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने पर भाजपा को घेरा "If Modi government had worked honestly, they would not have needed to break opposition leaders", Uddhav Thackeray hits out at BJP on Ashok Chavan leaving Congress | "अगर मोदी सरकार ने ईमानदारी से काम किया होता तो उन्हें विपक्षी नेताओं को तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ती", उद्धव ठाकरे ने अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने पर भाजपा को घेरा](https://d3pc1xvrcw35tl.cloudfront.net/sm/images/420x315/uddhav-modi-1487077744-835x547_201911128264.jpg)
फाइल फोटो
छत्रपति संभाजी नगर: शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीते सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद राज्य में चल रही भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि क्या सत्तारूढ़ दल लोकसभा चुनाव से पहले आत्मविश्वास की कमी से जूझ रहा है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उद्धव ठादके ने तीखा कटाक्ष करते हुए यह भी सवाल किया कि आखिर उसे विपक्षी नेताओं को अपने खेमे में शामिल करने की जरूरत क्यों पड़ी, क्या वो लोकसभा चुनाव में अपने हार से इतनी डर गई है कि वो ऐसा कदम उठा रही है।
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख ठाकरे ने सोमवार को संभाजीनगर (पूर्व में औरंगाबाद) में एक रैली को संबोधित करते हुए भाजपा पर जमकर हमला बोला और कहा कि उसे विपक्षी गठबंधन - महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को विभाजित करने और नेताओं को लुभाने की जरूरत महसूस तभी हुई होगी। जब उसने केंद्र में अपने एक दशक लंबे शासन के दौरान लोगों के लिए काम फायदे का काम नहीं किया होगा।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में संसद में कहा था कि भाजपा लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल करेगी। यदि ऐसा है, तो विपक्षी नेताओं को उनके दल से निकालकर अपने दल में क्यों शामिल किया जा रहा है? यदि वे चुनाव में '400 पार' जाने को लेकर इतने आश्वस्त हैं तो फिर विपक्षी खेमे से नेताओं की खरीद-फरोख्त क्यों कर रहे हैं? वे बिहार में नीतीश कुमार और यहां अशोक चव्हाण, अजीत पवार और एकनाथ शिंदे को ले गए। अगर मोदी सरकार ने 10 वर्षों में लोगों के लिए ईमानदारी से काम किया होता, भाजपा को विपक्ष को तोड़ने की जरूरत नहीं पड़ी होगी। क्या आम चुनाव से पहले भाजपा का आत्मविश्वास इतना कम है?"
उद्धव ने कहा, "हमने सोचा नहीं था कि अशोक चव्हाण हमें इस तरह छोड़ देंगे। वह कल तक हमारे साथ थे। लेकिन मैं सिर्फ इसलिए उन पर आरोप नहीं लगाऊंगा क्योंकि वह अब कांग्रेस में नहीं हैं।"
भाजपा पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने इतने सारे कांग्रेस नेताओं को अपने साथ जोड़ लिया है कि जल्द ही इसका राष्ट्रीय नेतृत्व एक ऐसा नेता कर सकता है जो पहले सबसे पुरानी पार्टी के साथ था।
उन्होंने कहा, "भाजपा ने 'कांग्रेस मुक्त भारत' का नारा लगाया लेकिन उनका वह उद्देश्य अधूरा रह गया। वास्तव में उन्होंने कांग्रेस से इतने सारे नेताओं को अपने कब्जे में ले लिया है कि वे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की तरह कांग्रेस के कब्जे वाली भाजपा बन गए हैं। इतने सारे नेताओं के साथ कांग्रेस नेता अब भाजपा में हैं, वह दिन दूर नहीं जब एक पूर्व कांग्रेस नेता राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा का नेतृत्व करेगा।''