यदि कर्नाटक सरकार ‘लव जिहाद’ और गोवध के खिलाफ कानून लाने का प्रयास करती है तो कांग्रेस उसका विरोध करेगी : सिद्धरमैया
By भाषा | Published: December 1, 2020 09:07 PM2020-12-01T21:07:00+5:302020-12-01T21:07:00+5:30
बेंगलुरु, एक दिसंबर कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि यदि राज्य सरकार आगामी शीतकालीन सत्र में ‘लव जिहाद’ और गोवध के खिलाफ कानून लाने का प्रयास करती है तो कांग्रेस उसका विरोध करेगी।
उनका बयान ऐसे समय में आया है जब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल ने जबरन या धोखाधड़ी से धर्मांतरण के खिलाफ एक अध्यादेश को मंजूरी दी है। इस अध्यादेश में ऐसे कृत्य के लिए विभिन्न श्रेणियों के लिए दस साल तक की कैद और 50 हजार रूपय तक के जुर्माने की व्यवस्था की गयी है।
‘लव जिहाद’ शब्द दक्षिणपंथी कार्यकर्ता मुसलमानों द्वारा प्रेम की आड़ में हिंदू लड़कियां को जबरन धर्मांतरण कराने के लिए कथित रूप से चलाये गये अभियान के लिए इस्तेमाल करते हैं।
मुस्लिम नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को सिद्धरमैया से मिला और उसने उनके साथ चर्चा की। कर्नाटक सरकार ने सात दिसंबर से शुरू रहे विधानमंडल के सत्र में गोवध विरोधी कानून लाने का फैसला किया है।
विपक्ष के नेता से जारी विज्ञप्ति के अनुसार सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘ गोवध विरोधी कानून भाजपा शासित गोवा में क्यों नहीं लागू किया गया? कर्नाटक में क्यों (यह कानून लाया जा रहा है)? मुस्लिम नेताओं ने मुझसे मुलाकात की और आशंका जतायी कि यदि यह कानून बन गया तो उनमें से कुछ को मुश्किल और नुकसान का सामना करना पड़ेगा। यदि सत्र के दौरान चर्चा के लिए यह मामला आया तो हम उसका कड़ा विरोध करेंगे।’’
पशुपालन मंत्री प्रभु चव्हाण ने हाल ही में कहा था कि शीतकालीन सत्र में गोवध विरोधी कानून लाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि यदि यह कानून बन गया तो गोवध के साथ ही बीफ की बिक्री और उसके इस्तेमाल एवं कत्ल के लिए उसकी अवैध ढुलाई पर रोक लग जाएगी।
शादी के लिए जबरन धर्मांतरण पर रोक संबंधी उत्तर प्रदेश द्वारा लाये गये अध्यादेश को असंवैधानिक करार देते हुए सिद्धरमैया ने कहा कि एक उम्र को पार करने के बाद हरेक को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि संविधान में ऐसा कुछ नहीं है जो यह निर्धारित करता हो कि व्यक्ति को खास समुदाय से ही अपना जीवन साथी चुनना है।
पिछले महीने मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने कहा था कि सरकार प्रेम और विवाह के नाम पर होने वाले धर्मांतरण पर विराम लगाने के लिए कड़े कदम उठाएगी।
वैसे सिद्धरमैया के बयान पर राज्य के कानून एवं संसदीय कार्य मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा कि विवाह के लिए होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ फिलहाल कानून बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि वह (सिद्धरमैया) क्यों अनुमान के आधार पर बयान जारी कर रहे हैं। जांच परख समिति का अध्यक्ष होने के नाते मैं कह सकता हूं कि अब ऐसा कोई प्रस्ताव मेरे सामने नहीं आया है।
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