आईएएस एम देवराज और नरेंद्र भूषण पर गिरी गाज, यूपी में चार बड़े आईएएस अफसरों की तैनाती बदली

By राजेंद्र कुमार | Published: July 27, 2023 08:38 PM2023-07-27T20:38:52+5:302023-07-27T20:44:11+5:30

गुरुवार को एक ही झटके में योगी सरकार ने चार अफसरों की तैनाती में फेरबदल कर दिया गया। कहा जा रहा है, यह बदलाव पीएम नरेंद्र मोदी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने की बाद हुआ।

IAS M Devraj and Narendra Bhushan, posting of four big IAS officers changed in UP | आईएएस एम देवराज और नरेंद्र भूषण पर गिरी गाज, यूपी में चार बड़े आईएएस अफसरों की तैनाती बदली

आईएएस एम देवराज और नरेंद्र भूषण पर गिरी गाज, यूपी में चार बड़े आईएएस अफसरों की तैनाती बदली

Highlightsएक ही झटके में चार अफसरों की तैनाती में फेरबदल कर दिया गयाकहा जा रहा है, यह बदलाव पीएम नरेंद्र मोदी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने की बाद हुआगुरुवार को नरेंद्र भूषण को प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के पद से भी हटाकर वेटिंग में किया गया

लखनऊ:उत्तर प्रदेश की नौकरशाही के कामकाज पर भी अब दिल्ली दरबार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की निगाह जम चुकी है। यही वजह है कि कुछ दिनों के भीतर ही सूबे की नौकरशाही के कई ऐसे चर्चित अफसर जो सूबे की सरकार के चहेते माने जाते थे, उन्हे अचानक ही हटा दिया गया। गुरुवार को भी ऐसा ही हुआ और एक ही झटके में चार अफसरों की तैनाती में फेरबदल कर दिया गया। कहा जा रहा है, यह बदलाव पीएम नरेंद्र मोदी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने की बाद हुआ।

जिसके चलते ऊर्जा मंत्री के अरविंद कुमार के आदेश की अनदेखी करने वाले 1996 बैच के आईएएस अफसर एम देवराज को यूपीपीसीएल के चेयरमैन के पद से हटा दिया गया और 1995 बैच के आईएएस आशीष गोयल को यूपीपीसीएल के नए चेयरमैन बना दिए गए हैं। इसके अलावा 1992 बैच के आईएएस और प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास नरेंद्र भूषण को प्रतीक्षारत कर दिया गया है। कुछ दिन पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के कार्य में रुचि ना लेते के चलते नरेंद्र भूषण से यूपीडा का अतिरिक्त प्रभार वापस ले लिए गया था। 

गुरुवार को उन्हें प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास के पद से भी हटाकर वेटिंग में कर दिया गया है। चर्चा है कि एम देवराज सूबे की बिजली आपूर्ति को बेहतर करने को लेकर नाकाम साबित हो रहे थे। इसके अलावा उनकी ऊर्जा मंत्री अरविंद शर्मा से बन नहीं रही थी। इसी प्रकार नरेंद्र भूषण प्रदेश में औद्योगिक निवेश को लेकर बड़े निवेशकों से मिले प्रस्तावों को जमीन पर उतारने में तेजी नहीं दिखा पा रहे थे। जाहिर है सीएम और दिल्ली दरबार आईएएस एम देवराज और नरेंद्र भूषण के कामकाज से संतुष्ट नहीं था। जिसके चलते नरेंद्र भूषण को तो वेटिंग में कर दिया गया और एम देवराज को प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा बनाया गया। 

इसके साथ ही आईएएस कल्पना अवस्थी को उपाम का दायित्व सौंपा गया। इसके फेरबदल के कुछ दिन पहले योगी सरकार ने वर्ष 2019 से नोएडा अथार्टी की सीईओ के पद पर तैनात आईएएस रितु माहेश्वरी को 200 करोड़ रुपए की एफडी करने में बरती गई लापरवाही को लेकर हटाने का फैसला किया था। रितु माहेश्वरी को आगरा का मंडलायुक्त बनाया गया।

सूबे में हुए इस फेरबदल के पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने सुबह पांच कालिदास मार्ग स्थित अपने सरकारी आवास पर जनता दर्शन में आए 180 लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने इत्मीनान से सबकी समस्याएं सुनीं और उनके गुणवत्तापूर्ण, पारदर्शी निस्तारण के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि हर पीड़ित के साथ संवेदनशील रवैया अपनाया जाए और उसकी समस्या का समाधान कर उसे संतुष्ट किया जाए। इसमें किसी भी तरह की कोताही हरगिज ना करें।

सीएम के इस निर्देश को कहा जा रहा है कि सीएम ने यह कहते हुए सूबे की नौकरशाही को संकेत कर दिया है कि हर अधिकारी अपने दायित्व को निभाने में कोताही ना बरते. अब जो अधिकारी सुस्ती दिखाएगा, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा फिर चाहे वह अधिकारी उनका करीबी ही क्यों ना हो?

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