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पूर्वी लद्दाख में वायुसेना की त्वरित प्रतिक्रिया उसकी तैयारी का प्रमाण है : वायुसेना प्रमुख

By भाषा | Updated: October 8, 2021 15:09 IST

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हिंडन (उप्र), आठ अक्टूबर वायुसेना प्रमुख वी आर चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पिछले साल हुए घटनाक्रम की प्रतिक्रिया में त्वरित कार्रवाई भारतीय वायुसेना की किसी भी परिस्थिति से निपटने की तैयारी का प्रमाण है। साथ ही उन्होंने कहा कि उसकी क्षमता बढ़ाने के लिए चल रहे कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न कार्यक्षेत्रों में ‘‘त्वरित और निर्णायक’’ वांछित नतीजे हासिल करना है।

उन्होंने 89वें वायुसेना दिवस के मौके पर अपने संबोधन में वायुसेना के योद्धाओं के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल में सुधार लाने का आह्वान किया और वरिष्ठ अधिकारियों से अपने अधीनस्थ और युवा अधिकारियों को ‘‘सशक्त बनाने तथा उन्हें तैयार करने’’ में समय देने और प्रयास करने को कहा तथा इसे अपना प्राथमिक कार्य समझने को कहा।

सेना के तीनों अंगों (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) के एकीकरण का जिक्र करते हुए एयर चीफ मार्शल चौधरी ने देश को संयुक्त क्षमता प्रदर्शित करने और सुसंगत राष्ट्रीय रणनीति के तौर पर एकीकृत प्रतिक्रिया विकल्प पैदा करने की ओर भारतीय वायुसेना की ‘‘अटल प्रतिबद्धता’’ को लेकर भी ‘‘आश्वस्त’’ किया।

इस कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे तथा तीनों सेनाओं और रक्षा मंत्रलाय के कई शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे।

भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण की योजनाओं पर चीफ ऑफ एयर स्टाफ ने अनूठी तरकीबों और ‘‘लीक से अलग हटकर’’ संचालनात्मक योजनाओं पर जोर दिया।

वायु सेना प्रमुख ने दिल्ली के बाहरी इलाके में हिंडन हवाई अड्डे पर आयोजित एक समारोह में कहा, ‘‘चूंकि हमारी चुनौतियां लगातार बढ़ रही है, ऐसे में हमारी ताकत और यह सुनिश्चित करने का संकल्प भी बढ़ रहा है कि हवाई ताकत का सबसे अच्छा इस्तेमाल किया जाए। जब मैं आज हमारे सामने के सुरक्षा परिदृश्य को देखता हूं तो मैं महसूस करता हूं कि मैंने महत्वपूर्ण समय में कमान संभाली है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें देश को यह दिखाना होगा कि बाहरी ताकतों को हमारी सीमाओं का उल्लंघन करने नहीं दिया जाएगा। मैं आपसे स्पष्ट दिशा, अच्छा नेतृत्व और उत्कृष्ट संसाधन मुहैया कराने वादा करता हूं।’’

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि बीता साल ‘‘काफी चुनौतीपूर्ण लेकिन अत्यधिक फायदेमंद’’ रहा। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वी लद्दाख में हुए घटनाक्रम की प्रतिक्रिया में त्वरित कार्रवाई भारतीय वायुसेना की, किसी भी परिस्थिति से निपटने की तैयारी का प्रमाण थी। कोविड से संबंधित सभी कार्यों को पूरा करने में हमारे प्रयास राष्ट्रीय कोशिशों के समर्थन में एक बड़ी उपलब्धि रहे।’’

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में पिछले साल जून मध्य में तनाव बढ़ने के बाद भारतीय वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अन्य जगहों पर अहम वायुसेना अड्डों पर अपने लगभग सभी अग्रिम लड़ाकू विमानों जैसे कि सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 विमानों के साथ ही आक्रमण करने में सक्षम अपने हेलीकॉप्टरों को तैनात किया था।

अपने संबोधन में चीफ ऑफ स्टाफ ने खातसौर से मानव संसाधनों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘मेरा दृढ़ता से यह मानना है कि जब हम आधुनिक प्रौद्योगिकियां हासिल करते हैं तो हमारे मातहत काम करने वाले लोगों पर ध्यान देने की काफी आवश्यकता होती है। वरिष्ठ अधिकारियों के तौर पर अपना समय और कोशिशें अपने अधीनस्थ लोगों को सशक्त बनाने और उन्हें तैयार करने में लगाइए। मुझे भरोसा है कि आपमें से प्रत्येक इस महत्वपूर्ण कार्य को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी के तौर पर लेंगे।’’

उन्होंने कहा कि हालांकि ‘‘लक्षित प्रशिक्षण कार्यक्रम’’ वायुसेना के योद्धाओं को हवाई युद्ध की आधुनिक प्रवृत्तियों को सीखने की योग्यता विकसित करने में मदद कर रहे हैं लेकिन ‘‘सही रवैया’’ अपनाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, ‘‘युवा अधिकारियों/ वायु सेना योद्धाओं को नेताओं के तौर पर तैयार करने तथा उनका मार्गदर्शन करने पर हमारा ध्यान निरंतर होना चाहिए।’’

एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हार्डवेयर में जब हम सक्रियता से आत्म-निर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं जबकि नवीन विचार ऐतिहासिक रूप से हमारी ताकत रहे हैं तथा मैं अपनी अनूठी तरकीबों और लीक से हटकर संचालनात्मक योजनाओं के विकास के जरिए इन क्षमताओं के रचनात्मक और कौशलपूर्ण विकास को लेकर उत्साहित हूं।’’

तीनों सेनाओं के एकीकरण पर उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना अपने रुख पर अटल है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा यह भी मानना है कि वांछित असर और क्षमता पैदा करने के लिए राष्ट्रीय शक्ति के सभी अंगों को एक-दूसरे के साथ तालमेल करना चाहिए। यहां मैं देश को सुसंगत राष्ट्रीय रणनीति के तौर पर एकीकृत प्रतिक्रिया विकल्प पैदा करने की ओर भारतीय वायु सेना की अटल प्रतिबद्धता को लेकर आश्वस्त करना चाहता हूं।’’

उन्होंने कहा कि क्षेत्र में और उससे इतर सुरक्षा के माहौल पर ‘‘भू-राजनीतिक ताकतों की जटिल प्रक्रिया का असर पड़ता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा थल, जल और नभ के पारंपरिक कार्य क्षेत्र से ऊपर नए कार्य क्षेत्र के आने से सैन्य अभियान के संचालन के तरीके में आदर्श बदलाव आया है।’’

भारतीय वायु सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘युद्ध लड़ने की बदली प्रकृति को देखते हुए भारतीय वायु सेना में क्षमता का विस्तार करने के लिए चल रहे कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न कार्यक्षेत्रों में त्वरित और निर्णायक वांछित नतीजे हासिल करना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आने वाले वर्षों में आपके कौशल, साहस, दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम पर विश्वास करता रहूंगा। याद रखिए कि देश की संप्रभुत्ता और अखंडता की किसी भी कीमत पर रक्षा करना हमारा पवित्र कर्तव्य है और आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम देश का सिर कभी न झुकने दें।’’

एयर चीफ मार्शल ने कहा, ‘‘मुझे आपको बताकर खुशी हो रही है कि ऑटोमेशन, डेटा विश्लेषण और कृत्रिम बुद्धिमता की क्षमता का उपयोग करने की कई परियोजनाएं चल रही है ताकि हम भविष्य में होने वाली लड़ाई लड़ सकें।’’ उन्होंने कहा कि बल में शामिल हो रहे युवा पुरुष और महिलाएं अत्यधिक सक्षम और आज के डिजीटल जगत को लेकर काफी जागरूक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अपने प्रशिक्षण के तरीके में सुधार लाना होगा ताकि ये वायु सेना योद्धा लड़ाई में आत्मविश्वास और साहस का इस्तेमाल करने के लिए सही कौशल और ज्ञान हासिल कर सकें।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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