कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सोमवार (13 जनवरी) को दिल्ली में एक बैठक बुलाई। इस बैठक में 20 दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों और कई विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा के बाद पैदा हुए हालात, आर्थिक मंदी और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लिया।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने कहा, 'युवाओं की समस्या का समाधान करने के बजाय नरेंद्र मोदी राष्ट्र को भ्रमित करने और लोगों को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। युवाओं की आवाज तर्कसंगत है, इसे दबाया नहीं जाना चाहिए, सरकार को इसे सुनना चाहिए।'
उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी को युवाओं को यह बताने की हिम्मत होनी चाहिए कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक आपदा बन गई है...उनकी छात्रों के सामने खड़े होने की हिम्मत नहीं है। मैं उन्हें किसी भी विश्वविद्यालय में जाने के लिए चुनौती देता हूं, बिना पुलिस के वहां खड़े होकर लोगों को बताएं कि वह इस देश के लिए क्या करने जा रहा है?'
बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई इस बैठक में 20 दलों के नेता शामिल हुए। इस बैठक में सीएए के विरोध में हुए प्रदर्शनों और कई विश्वविद्यालय परिसरों में हिंसा के बाद पैदा हुए हालात, आर्थिक मंदी तथा कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झामुमो के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह मौजूद थे।
इसके साथ ही आईयूएमएल के पी के कुन्हालीकुट्टी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव, पीडीपी के मीर मोहम्मद फैयाज, जद (एस) के डी कुपेंद्र रेड्डी, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा तथा कई अन्य दलों के नेता भी बैठक में शामिल हुए।