हैदराबाद गैंगरेप-हत्याकांड मामले की सुनवाई के लिए महबूबनगर जिला न्यायालय होगा स्पेशल कोर्ट का गठन
By स्वाति सिंह | Updated: December 4, 2019 16:51 IST2019-12-04T16:50:56+5:302019-12-04T16:51:24+5:30
28 नवंबर के दिन जब इस हैवानियत के बारे में लोगों ने सुना तो सोशल मीडिया पर पीड़िता का असली नाम, तस्वीर हैशटैग के साथ चलाया गया था। हालांकि उस वक्त तक रेप की पुष्टी नहीं हुई थी। लेकिन जब 28 नवंबर को ही यह बात साफ हो गया कि लड़की को गैंगरेप के बाद जलाया गया है।

एक दिसंबर के दिन साइबराबाद पुलिस ने अपील की थी कि गैंगरेप पीड़िता को 'दिशा' नाम से संबोधित किया जाए।
पशुचिकित्सक के रेप और हत्या के (दिशा) के मामले की सुनवाई के लिए महबूबनगर जिला न्यायालय में एक विशेष अदालत का गठन किया जाएगा। बता दें कि 27 नवंबर की रात हैदराबाद की 26 वर्षीय महिला डॉक्टर का गैंगरेप और हत्या कर जला दिया गया था। 28 नवंबर की सुबह हाईवे-44 के एक ब्रिज के नीचे पीड़िता की लाश मिली थी। जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों के लिए फांसी की सजा की मांग की जा रही है।
गौरतलब है कि 28 नवंबर के दिन जब इस हैवानियत के बारे में लोगों ने सुना तो सोशल मीडिया पर पीड़िता का असली नाम, तस्वीर हैशटैग के साथ चलाया गया था। हालांकि उस वक्त तक रेप की पुष्टी नहीं हुई थी। लेकिन जब 28 नवंबर को ही यह बात साफ हो गया कि लड़की को गैंगरेप के बाद जलाया गया है। एक दिसंबर के दिन साइबराबाद पुलिस ने अपील की थी कि गैंगरेप पीड़िता को 'दिशा' नाम से संबोधित किया जाए। ये उसका काल्पनिक नाम है।
इसके बाद कुछ सामाचार चैनलों और सोशल मीडिया साइटों द्वारा दुष्कर्म के बाद हत्या की शिकार हुई 25 वर्षीय पशु चिकित्सक का नाम उजागर करने पर उन्हें नोटिस जारी कर इसे रोकने का निर्देश दिया है। इन चैनलों और साइटों पर आरोपियों की तस्वीर भी प्रकाशित व प्रसारित की गई। मामले की जांच कर रही साइबराबाद पुलिस ने यह भी कहा कि कुछ प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने समाचार चैनलों, अखबारों और सोशल मीडिया पर जांच से जुड़े दस्तावेजों का प्रकाशन और प्रसारण किया जिससे जांच बाधित हुई।
इसलिये उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 149 के तहत नोटिस जारी कर ऐसी सामग्री का प्रकाशन व प्रसारण रोकने को कहा गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया, “कुछ वी चैनल और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता लगातार पीड़ित, आरोपियों और जांच से जुड़े दस्तावेजों का प्रकाशन, प्रसारण कर रहे हैं।
हम ऐसे टीवी चैनलों से बात कर रहे हैं और उन्हें नोटिस जारी कर इनका प्रसारण रोकने को कहा है...इसके साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों से भी बात कर रहे हैं कि ऐसी सामग्री को अपने मंच से हटाएं।” हैदराबाद के एक सरकारी अस्पताल में सहायक पशु चिकित्सक के तौर पर काम करने वाली युवती का जला हुआ शव 28 नवंबर की सुबह शादनगर में एक पुलिया के नीचे से बरामद किया गया था।
घटना से एक दिन पहले ही वह लापता हुई थी। इस संबंध में चार आरोपियों को 29 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था। बाद में साइबराबाद पुलिस ने मीडिया से अनुरोध किया था कि वह इस जघन्य दुष्कर्म और हत्याकांड पर लगातार प्रसारण न करे और पीड़िता का नाम लेने से बचे। उसने सोशल मीडिया पर “जस्टिस फॉर दिशा” हैशटैग का सुझाव भी दिया था।