12 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को 26 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति, तेलंगाना उच्च न्यायालय का अहम फैसला, जानिए मामला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 6, 2024 22:18 IST2024-07-06T22:17:22+5:302024-07-06T22:18:05+5:30

गांधी अस्पताल के चिकित्सकों ने पीड़िता की मां (याचिकाकर्ता) से कहा था कि चूंकि पीड़िता को गर्भधारण किए 24 सप्ताह से अधिक समय हो चुका है, इसलिए गर्भ का चिकित्‍सकीय समापन (संशोधन) विधेयक, 2021 के प्रावधानों के तहत उसका गर्भपात नहीं किया जा सकता

Hyderabad 12 year old rape victim allowed abort 26 week old fetus, important decision of Telangana High Court, know the matter | 12 वर्षीय बलात्कार पीड़िता को 26 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति, तेलंगाना उच्च न्यायालय का अहम फैसला, जानिए मामला

सांकेतिक फोटो

Highlights डीएनए एवं अन्य जांच के लिए भ्रूण के ऊतक और रक्त के नमूने एकत्र किए जाएंगे।पीड़िता का गर्भपात 48 घंटे में कराने के लिए आवश्यक इंतजाम करने का निर्देश दिया। पीड़िता की मां ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

हैदराबादः तेलंगाना उच्च न्यायालय ने 12 वर्षीय एक बलात्कार पीड़िता को 26 सप्ताह के भ्रूण का गर्भपात कराने की अनुमति दी है। अदालत ने राज्य सरकार द्वारा संचालित गांधी अस्पताल के अधीक्षक को पीड़िता का गर्भपात 48 घंटे में कराने के लिए आवश्यक इंतजाम करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति बी विजयसेन रेड्डी ने आदेश दिया कि बच्ची के गर्भपात की प्रक्रिया अस्पताल की वरिष्ठतम स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा की जाएगी और डीएनए एवं अन्य जांच के लिए भ्रूण के ऊतक और रक्त के नमूने एकत्र किए जाएंगे।

इससे पहले, गांधी अस्पताल के चिकित्सकों ने पीड़िता की मां (याचिकाकर्ता) से कहा था कि चूंकि पीड़िता को गर्भधारण किए 24 सप्ताह से अधिक समय हो चुका है, इसलिए गर्भ का चिकित्‍सकीय समापन (संशोधन) विधेयक, 2021 के प्रावधानों के तहत उसका गर्भपात नहीं किया जा सकता।

इसके बाद पीड़िता की मां ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायमूर्ति रेड्डी ने गांधी अस्पताल के अधीक्षक को एक मेडिकल बोर्ड गठित करने और पीड़िता का गर्भपात कराने की संभावना का पता लगाने तथा लड़की की पहचान उजागर किए बिना एक सीलबंद लिफाफे में अदालत को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था।

याचिकाकर्ता की वकील वसुधा नागराज ने तर्क दिया कि पीड़िता से कई लोगों ने बलात्कार किया था और यदि उसे गर्भावस्था जारी रखने के लिए मजबूर किया जाता है, तो इससे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि न केवल पीड़िता, बल्कि जन्म लेने वाले बच्चे को भी शारीरिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

Web Title: Hyderabad 12 year old rape victim allowed abort 26 week old fetus, important decision of Telangana High Court, know the matter

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