हुर्रियत नेता मीरवाइज और इन 6 नेताओं ने रिहाई के लिए बांड पर किए हस्ताक्षर, इन्होंने किया इंकार

By भाषा | Updated: September 21, 2019 05:59 IST2019-09-21T05:59:35+5:302019-09-21T05:59:35+5:30

पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीडीपी युवा विंग के नेता वाहीद पारा और नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल ने बांड पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है।

Hurriyat leader Mirwaiz Umar Farooq, 6 others sign bonds to secure release | हुर्रियत नेता मीरवाइज और इन 6 नेताओं ने रिहाई के लिए बांड पर किए हस्ताक्षर, इन्होंने किया इंकार

फाइल फोटो

Highlightsहिरासत में रखे लोगों, जिनमें अधिकतर नेता हैं, को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बांड पर हस्ताक्षर करने की शर्त पर रिहाई की पेशकश की है।बांड पर हस्ताक्षर करने के बाद रिहा हुए लोगों को ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी जो दस्तावेज में निषिद्ध बताए गए हैं।

हुर्रियत कांफ्रेंस के उदारवादी धड़े के नेता मीरवाइज उमर फारूक उन सात लोगों में शामिल हैं जिन्हें जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से हिरासत में रखा गया है और उन्होंने अपनी रिहाई सुनिश्चित कराने के लिए बांड पर हस्ताक्षर किए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 

बहरहाल, पीपुल्स कांफ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन, पीडीपी युवा विंग के नेता वाहीद पारा और नौकरशाह से नेता बने शाह फैसल ने बांड पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि मीरवाइज उमर फारूक के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के दो नेताओं, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस के एक- एक नेता और दो अन्य ने बांड पर हस्ताक्षर किए हैं। वे हिरासत में लिए गए उन 36 लोगों में शामिल हैं जिन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद सेंटूर होटल में रखा गया है। 

सूत्रों ने बताया कि हिरासत में रखे लोगों, जिनमें अधिकतर नेता हैं, को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बांड पर हस्ताक्षर करने की शर्त पर रिहाई की पेशकश की है। बांड रिहाई के पश्चात उनके किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने पर रोक लगाता है। अनधिकारिक अनुमान के मुताबिक नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों सहित एक हजार से अधिक लोगों को केंद्र सरकार के पांच अगस्त के निर्णय के बाद से हिरासत में रखा गया है। 

हिरासत में रखे गए लोगों में तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं। करीब 100 लोगों को जम्मू-कश्मीर के बाहर स्थित जेलों में भेजा गया है। फारूक को जनसुरक्षा कानून के तहत हिरासत में रखा गया है जबकि दूसरे नेताओं को सीआरपीसी की अलग-अलग धाराओं में हिरासत में लिया गया है। 

जम्मू-कश्मीर प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि बांड पर हस्ताक्षर करने के बाद रिहा हुए लोगों को ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल होने की इजाजत नहीं होगी जो दस्तावेज में निषिद्ध बताए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि जो भी प्रावधान का उल्लंघन करेगा उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

Web Title: Hurriyat leader Mirwaiz Umar Farooq, 6 others sign bonds to secure release

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