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मानव बालों की तस्करी और गैर-कानूनी निर्यात की तुरंत जांच की जाए और उसे रोका जाए

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 2, 2019 20:06 IST

भारतीय मानव बाल एवं बाल उत्पाद विनिर्माता एवं निर्यातक संगठन के सदस्य सुनील इमानी ने कहा कि यह एक श्रमिक आधारित उद्योग है और म्यामां व चीन जैसे देशों से बिना प्रसंस्करण वाले बालों की तस्करी की चुनौती से जूझ रहा है। यह घरेलू उद्योग और निर्यात को नुकसान पहुंचा रहा है।

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ठळक मुद्देअपरिष्कृत बाल घरों से एकत्र किए जाते हैं और फिर इनका प्रसंस्करण और बिक्री होती है लेकिन अब म्यामां के तस्कर इसे एकत्र करके सरहदों के जरिए यहां भेज रहे हैं।बिना प्रसंस्करण वाले बाले मुख्यत : घरों और मंदिरों से एकत्र किए जाते हैं। इनका इस्तेमाल विग बनाने में किया जाता है। 

मानव बाल निर्यातकों के संगठन ने बृहस्पतिवार को सरकार से बिना प्रसंस्करण वाले मानव बालों की कथित तस्करी की जांच करने और उसे रोकने की मांग की। इसका उद्देश्य घरेलू उद्योग और निर्यात को बढ़ावा देना है।

भारतीय मानव बाल एवं बाल उत्पाद विनिर्माता एवं निर्यातक संगठन के सदस्य सुनील इमानी ने कहा कि यह एक श्रमिक आधारित उद्योग है और म्यामां व चीन जैसे देशों से बिना प्रसंस्करण वाले बालों की तस्करी की चुनौती से जूझ रहा है। यह घरेलू उद्योग और निर्यात को नुकसान पहुंचा रहा है।

इमानी ने संवाददाताओं से कहा , " हम चाहते हैं कि मानव बालों की तस्करी और गैर - कानूनी निर्यात की तुरंत जांच की जाए और उसे रोका जाए। हमने वाणिज्य मंत्रालय से बिना प्रसंस्करण वाले कच्चे मानव बाल को प्रतिबंधित श्रेणी की वस्तुओं की सूची में रखने के लिए भी कहा है। "

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निर्यात और रोजगार की भारी संभावनाएं हैं लेकिन तस्करी उद्योग को नुकसान पहुंचा रहा है। इमानी ने आरोप लगाया कि मानव बालों पर 30 प्रतिशत आयात शुल्क तस्करी का मुख्य कारण है। इमानी ने कहा , " तस्करी पर रोक और घरेलू बाजार में बिना प्रसंस्करण वाले बाल की उपलब्धता बढ़ाने से निर्यात को बढ़ावा मिलेगा। हमारे पास इस उद्योग को एक अरब डॉलर पर पहुंचने की क्षमता और प्रौद्योगिकी है। इस क्षेत्र में लाखों लोग काम कर रहे हैं लेकिन हमारा निर्यात नीचे जा रहा है। "

उन्होंने कहा कि अपरिष्कृत बाल घरों से एकत्र किए जाते हैं और फिर इनका प्रसंस्करण और बिक्री होती है लेकिन अब म्यामां के तस्कर इसे एकत्र करके सरहदों के जरिए यहां भेज रहे हैं। मानव बाल एवं उससे बने उत्पाद का निर्यात क्रमश : 2017 में 27.18 करोड़ डॉलर एवं 23.2 लाख डालर से गिरकर 2018 में 24.8 करोड़ डॉलर और 4.2 लाख डॉलर रह गया। बिना प्रसंस्करण वाले बाले मुख्यत : घरों और मंदिरों से एकत्र किए जाते हैं। इनका इस्तेमाल विग बनाने में किया जाता है। 

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