पटना: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) को बिहार में बड़ा झटका लगा है। हैदराबाद से लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की बिहार इकाई में बड़ी फूट हुई और एआईएमआईएम के कुल पांच विधायकों में से चार ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की सदस्यता ले ली है।
बिहार में मुस्लिम बहुल सीमांचल इलाके से जीतकर आने वाले पांच विधायक जिसमें अमौर विदान सभा क्षेत्र से अख्तरुल ईमान, कोचादामम विधानसभा क्षेत्र से मोहम्मद इज़हर असफी, जोकीहाट विधानसभा क्षेत्र से शाहनवाज आलम, बैसी विधानसभा क्षेत्र से सैयद रुकनुद्दीन और बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र से अजहर नईमी शामिल हैं।
विधायक अख्तरुल को छोड़कर, शेष सभी चारों विधायक ने ओवैसी का साथ छोड़ते हुए तेजस्वी यादव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त करते हुए लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का दामन थाम लिया है।
वहीं अगर बिहार विधानसभा की बात करें तो कुल 243 सदस्यीय सदन में राजद के पास इस वक्त कुल 80 विधायक हैं, इसलिए वो प्रदेश विधानसभा में प्रमुख विपक्षी दल के तौर पर स्थापित है।
साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में असददुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने बिहार में कुल पांच सीटें अपने नाम की थी। खबरों के मुताबिक यह ओवैसी के लिए किसी भारी झटके से कम नहीं है।
बिहार विधानसभा में आज उस समय सभी दल के नेता और विधायक इस बात को देखकर अवाक रह गये कि सदन के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपने साथ एआईएमआईएम के चारों विधायकों के अपने साथ बिठाकर खुद कार चलाते हुए विधान भवन पहुंचे।
इस मामले में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि एआईएमआईएम के चुने हुए जन-प्रतिनिधियों ने मुझसे मुलाकात की और राजद के साथ जुड़ने की इच्छा जताई, हम लालू जी की विचारधारा की पार्टी हैं, हमने उनसे कहा कि जनता की सेवा के लिए कोई भी राजद के साथ जुड़ने के लिए स्वतंत्र है। इसलिए सभी चारों सदस्यों ने बाकायदा ओवासी जी की पार्टी छोड़ते हुए हमारी पार्टी ज्वाइन की है।
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा कि वो सभी नेता या विधानसभा के सदस्य, देश और बिहार की भलाई के लिए काम करना चाहते हैं और फिरका परस्त ताकतों को रोकने के लिए एकजुट होना चाहते हैं, उन्हें एक साथ आना चाहिए और संविधान के अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होकर लड़ना चाहिए।