NSA अजीत डोभाल ने पहले भी बता दी थी चीन को भारत की मंशा, जानिए बातचीत के बाद चीनी सेना कैसे पीछे हटने को हुई तैयार

By पल्लवी कुमारी | Updated: July 7, 2020 12:56 IST2020-07-07T12:56:54+5:302020-07-07T12:56:54+5:30

भारत-चीन सीमा विवाद:  पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध मई महीने से है। ये गतिरोध खूनी हिंसक झड़प में 15 जून को तब्दील हुआ। 15 जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। हालांकि चीन ने अपने जवानों के हताहता होने की कोई अधिकारिक जानकारी नहीं दी है।  

How NSA Ajit doval handle India china border issue resolved soon | NSA अजीत डोभाल ने पहले भी बता दी थी चीन को भारत की मंशा, जानिए बातचीत के बाद चीनी सेना कैसे पीछे हटने को हुई तैयार

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (फाइल फोटो)

HighlightsNSA अजील डोभाल और चीन के विदेश मंत्री  वांग यी इस बात पर भी सहमत हुए कि दोनों पक्षों को एलएसी से पीछे हटने की जारी प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना चाहिए। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने भी बयान जारी किया और कहा कि अजील डोभाल और वांग के बीच मौजूदा सीमा स्थिति के मुद्दे पर ‘सकारात्मक आम समझ’ बनी।

नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर चीनी सेना ने सोमवार (6 जुलाई) को पूर्वी लद्दाख में कुछ इलाकों से अपनी सीमित वापसी शुरू कर दी। इससे एक दिन पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार  (NSA) अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने टेलीफोन पर बात की जिसमें वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से सैनिकों के ''तेजी से'' पीछे हटने की प्रक्रिया को पूरा करने पर सहमत हुए। रविवार (5 जुलाई) को सुबह आठ बजकर 45 मिनट पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को फोन करके जानकारी दी कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) गलवान घाटी के वाई-जंक्शन से सैनिकों को पीछे के बेस कैंप की ओर ले जा रही है। ठीक उसी शाम 5 से 6 बजे के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। 

चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई दो घंटे की बाचतीत में  अजीत डोभाल ने कहा कि डी-एस्केलेशन के लिए एक पूर्व-आवश्यकता पीएलए को उस क्षेत्र से वापस ले जाने की होगी, जिसका चीन दावा करता रहा है।

विदेश मंत्रालय ने सोमवार (6 जुलाई) को कहा कि अजीत डोभाल और वांग के बीच रविवार को हुई वार्ता में इस बात पर सहमति बनी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता की पूर्ण बहाली के लिए ‘जल्द से जल्द’ सैनिकों का ‘पूरी तरह पीछे हटना’ आवश्यक है तथा दोनों पक्षों को मतभेदों को विवाद में तब्दील नहीं होने देना चाहिए। डोभाल और वांग दोनों देशों के बीच सीमा वार्ता से संबंधित विशेष प्रतिनिधि हैं।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (फाइल फोटो)
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (फाइल फोटो)

विदेश मंत्रालय ने कहा कि अजीत डोभाल और वांग ने दोहराया कि दोनों पक्षों को एलएसी का पूरा सम्मान एवं इसका कड़ा अनुसरण सुनिश्चित करना चाहिए तथा यथास्थिति को बदलने के लिए कोई ‘एकतरफा कार्रवाई’ नहीं करनी चाहिए और भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचना चाहिए जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति एवं स्थिरता को नुकसान पहुंचने की आशंका हो। 

जून के महीने में भी अजीत डोभाल ने की थी चीन के मंत्री से बात 

हिन्दुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ समन्वय के साथ 17 जून को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से बातचीत को दौरान भारत की मंशा पहले ही बता दी थी। इस बातचीत के दौरान दोनों देशों ने एक दूसरे पर सीमा पर झड़प शुरू करने का आरोप लगाया था।

गलवान घाटी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
गलवान घाटी (प्रतीकात्मक तस्वीर)

चीनी सैनिकों ने 6 जुलाई को गलवान घाटी से अपने सैनिकों को हटाए पीछे

सरकारी सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिकों ने सोमवार को गलवान घाटी से अपने तंबुओं को हटा लिया और वे गलवान घाटी में गश्ती बिन्दु प्वाइंट 14 के आसपास से 1.5 किलोमीटर तक पीछे चले गए हैं। उन्होंने कहा कि गोग्रा हॉट स्प्रिंग में भी चीनी सैनिक और वाहन पीछे हटते दिखाई दिए। खबरें ये भी हैं कि चीनी सैनिकों ने पैंगोंग सो में फिंगर 4 के आसपास से भी कुछ तंबू हटा लिए हैं। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि स्पष्ट तस्वीर इसकी गहरी पड़ताल के बाद ही सामने आएगी।

सूत्रों ने कहा कि सैनिकों के पीछे हटने की कवायद 30 जून को सैन्य स्तर की वार्ता में हुए निर्णय के अनुरूप हो रही है जिसमें इस बात पर भी सहमति बनी थी कि दोनों पक्ष गलवान नदी के आसपास कम से कम तीन किलोमीटर के क्षेत्र में एक बफर जोन बनाएंगे और भारतीय सैनिक भी उसी के अनुसार चल रहे हैं। इस संबंध में एक सूत्र ने कहा कि भारतीय सेना चीन के पीछे हटने की कवायद की पूरी पड़ताल करेगी।  (पीटीआई-इनपुट के साथ) 

Web Title: How NSA Ajit doval handle India china border issue resolved soon

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