गृह मंत्रालय लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले सीएए नियमों को अधिसूचित कर सकता है: रिपोर्ट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 28, 2024 07:59 AM2024-02-28T07:59:15+5:302024-02-28T08:04:47+5:30
केंद्रीय गृह मंत्रालय अगले कुछ हफ्तों के भीतर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित कर सकता है।
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय अगले कुछ हफ्तों के भीतर नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार आगामी लोकसभा चुनाव के लिए लागू होने वाले आदर्श आचार संहिता से पहले सीसीए के नियमों को लागू कर सकता है।
समाचार वेबसाइट द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय द्वारा सीएए के तहत नागरिकता के लिए पात्रता साबित करने के लिए आवेदकों के लिए आवश्यक साक्ष्य की रूपरेखा तैयार करेगा।
सीएए 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी मुस्लिम-बहुल देशों से आए हिंदुओं, सिखों, ईसाइयों, बौद्धों, जैन और पारसियों के लिए भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन करता है।
केंद्र सरकार की ओर से लागू किये जा सहे सीएए ने देश में बड़े पैमाने पर विवाद को जन्म दिया था और इसके विरोध में पूरे देस में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। सीसीए की आलोचना करने वालों का तर्क है कि यह मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव करता है और भारतीय संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष के सिद्धांतों को कमजोर करता है।
दूसरी ओर केंद्र सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि सीएए पड़ोसी देशों से सताए गए धार्मिक अल्पसंख्यकों की रक्षा करने के उद्देश्य से एक मानवीय उपाय के रूप में कानून का बचाव किया।
रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा पड़ोसी मुल्कों से आने वालों मुस्लिमों को छोड़कर अन्य धर्मों के लोगों के धार्मिक उत्पीड़न के साक्ष्य की तलाश नहीं की जाएगी क्योंकि यह माना जाएगा कि जिन लोगों ने पलायन किया, उन्होंने उत्पीड़न या उत्पीड़न के डर से ही ऐसा किया होगा।
सीएए 11 दिसंबर, 2019 को संसद द्वारा पारित किया गया था और उसी वर्ष 12 दिसंबर को अधिसूचित किया गया था। हालांकि, नियमों को अधिसूचित नहीं किए जाने के कारण सीसीए कानून लागू नहीं किया जा सका था।
मालूम हो कि इस महीने की शुरुआत में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए नियमों को लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित और लागू किया जाएगा।
दिल्ली में ईटी-नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट में बोलते हुए शाह ने कहा था, ''सीएए देश का अधिनियम है। इसे आगामी लोकसभा चुनाव से पहले अधिसूचित किया जाएगा। इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।''
उन्होंने कहा था, “यह क़ानून कांग्रेस सरकार का वादा था। जब देश का विभाजन हुआ और उन देशों में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हुआ तो कांग्रेस ने शरणार्थियों को आश्वासन दिया था कि भारत में उनका स्वागत है और उन्हें भारतीय नागरिकता प्रदान की जायेगी लेकिन वे पीछे हट गए थे।''