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असम पर गृह मंत्रालय की समितिः गृह मंत्री ने दिए सुझाव, अंतिम रिपोर्ट अगले 15 दिनों के अंदर सौंपने की उम्मीद

By भाषा | Updated: January 13, 2020 17:02 IST

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता में समिति के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री से एक घंटे तक मुलाकात की और इसके काम में प्रगति के बारे में उन्हें जानकारी दी। शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने गृह मंत्री को अपने काम की प्रगति से अवगत कराया है। गृह मंत्री ने कुछ सुझाव दिए हैं। हमें अंतिम रिपोर्ट अगले 15 दिनों के अंदर सौंपने की उम्मीद है।’’

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ठळक मुद्दे1985 के असम समझौते खंड छह के मुताबिक एक दर्जन से अधिक सदस्यों की समिति गठित की गई है।समिति असम सरकार के तहत असमी लोगों के लिए रोजगार में आरक्षण के उपयुक्त स्तर की सिफारिश करेगी।

असम के मूल निवासियों को संवैधानिक सुरक्षा मुहैया करने के तरीके सुझाने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और समिति के काम से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।

न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिप्लब कुमार शर्मा की अध्यक्षता में समिति के चार सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री से एक घंटे तक मुलाकात की और इसके काम में प्रगति के बारे में उन्हें जानकारी दी। शर्मा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने गृह मंत्री को अपने काम की प्रगति से अवगत कराया है। गृह मंत्री ने कुछ सुझाव दिए हैं। हमें अंतिम रिपोर्ट अगले 15 दिनों के अंदर सौंपने की उम्मीद है।’’

1985 के असम समझौते खंड छह के मुताबिक एक दर्जन से अधिक सदस्यों की समिति गठित की गई है। इसके नियम एवं शर्तों के मुताबिक, ‘‘समिति असम विधानसभा एवं स्थानीय निकायों में असमी लोगों के लिए सीटों के उपयुक्त आरक्षण का आकलन करेगी।’’

मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक, ‘‘समिति असम सरकार के तहत असमी लोगों के लिए रोजगार में आरक्षण के उपयुक्त स्तर की सिफारिश करेगी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या समिति ‘असमी की परिभाषा’ को अंतिम रूप दे सकती है, सेवानिवृत्त न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें इस पर अभी एक फैसला लेना बाकी है और जल्द ही एक निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद है।

उन्होंने कहा, ‘‘समिति के सभी सदस्य जल्द ही रिपोर्ट को अंतिम रूप देंगे और सभी बचे हुए मुद्दों को हल किया जाएगा। ’’ असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के गृहमंत्री से मुलाकात करने के चार दिनों बाद यह बैठक हुई है। सोनोवाल ने असम संधि के खंड छह के विभिन्न पहलुओं पर उनके साथ चर्चा की थी।

इस खंड के तहत केंद्र सरकार ने मूल निवासियों को संवैधानिक सुरक्षा देने का वादा किया था। बताया जा रहा है कि समिति ने असम में विभिन्न हितधारकों के साथ अपनी चर्चा पूरी कर ली है। संशोधित नागरकिता कानून (सीएए) के खिलाफ असम में व्यापक प्रदर्शन के बीच यह बैठक हुई है।

यह बैठक काफी मायने रखती है क्योंकि असम के मूल निवासियों के बीच यह भावना बढ़ रही है कि यह नया कानून उनके हितों को--राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से नुकसान पहुंचाएगा असम समझौता 1971 के बाद देश में प्रवेश किए और राज्य में रह रहे सभी अवैध प्रवासियों की खोज करने और उन्हें वापस अपने मूल देश भेजने का प्रावधान करता है, भले ही वे किसी भी धर्म के क्यों ना हों। असम में प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएए असम समझौते के प्रावधानों का उल्लंघन करता है। 

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