गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "6 साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए 'फोरेंसिक जांच' अनिवार्य करेंगे"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 28, 2022 06:17 PM2022-08-28T18:17:47+5:302022-08-28T18:24:15+5:30

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक जांच को “अनिवार्य और कानूनी” बनाएगी और इसके लिए देश के प्रत्येक जिलों में फोरेंसिक मोबाइल जांच सुविधा मुहैया कराने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है।

Home Minister Amit Shah said, 'Govt will make forensic investigation mandatory for offenses punishable with more than 6 years' | गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, "6 साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए 'फोरेंसिक जांच' अनिवार्य करेंगे"

फाइल फोटो

Highlightsगृह मंत्रालय उन अपराधों में फोरेंसिक जांच अनिवार्य करेगी, जिसमें कम से कम 6 साल की सजा निर्धारित हैगृहमंत्री अमित शाह ने इस बात ऐलान गांधीनगर के राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय में कियाउन्होंने कहा कि मोदी सरकार आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में भी बदलाव करेगी

गांधीनगर: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय उन अपराधों में फोरेंसिक जांच को अनिवार्य करने जा रहा है, जिसमें सजा की अवधि कम से कम 6 साल निर्धारित है। गांधीनगर के राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) में रविवार को आयोजित दीक्षांत समारोह में गृहमंत्री शाह ने कहा कि केंद्र सरकार आपराधिक मामले में दोष प्रमाणित करने की दर को बढ़ाने के लिए आपराधिक न्याय प्रणाली में फोरेंसिक विज्ञान जांच के जोड़ने का लक्ष्य बना रही है।

एनएफएसयू में शाह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों में फोरेंसिक जांच को “अनिवार्य और कानूनी” बनाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए सरकार देश के प्रत्येक जिले में एक फोरेंसिक मोबाइल जांच सुविधा मुहैया कराने की दिशा में तेजी से काम कर रही है और जांच की स्वतंत्रता और निष्पक्षता को सुनिश्चित करने के लिए कानूनी ढांचा तैयार कर रही है।

गृहमंत्री ने दीक्षांत समारोह में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम में बदलाव करने जा रही है क्योंकि आजादी के बाद किसी ने भी इन कानूनों को भारतीय नजरिए से नहीं देखा है।"

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए अमित शाह ने कहा, "ब्रिटिश काल से चले आ रहे कानूनों को स्वतंत्र भारत के दृष्टिकोण से फिर से तैयार किये जाने की आवश्यकता है। इसलिए केंद्र सरकार मौजूदा आईपीसी, सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम में बदलने के लिए कई कानूनी विद्वानों से परामर्श कर रही है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जब हम छह साल से अधिक की सजा वाले अपराधों के लिए फोरेंसिक साक्ष्य के प्रावधान को अनिवार्य और कानूनी बना देंगे तो आप कल्पना कर सकते हैं कि उसकी जांच के लिए कितने फोरेंसिक छात्रों की आवश्यकता होगी। उसके बाद एनएफएसयू से पढ़ने वाला कोई भी छात्र बिना प्लेसमेंट के नहीं रह पाएगा।"

दीक्षांत समारोह के मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एनएफएसयू में डीएनए फोरेंसिक, साइबर सुरक्षा, और खोजी और फोरेंसिक मनोविज्ञान के नये बने केंद्रों का भी उद्घाटन किया और उन्हें देखने के बाद कहा कि वो इस बात पर भरोसा करते हैं कि आने वाले समय में फोरेंसिक साक्ष्य देश की आपराधिक न्याय प्रणाली के लिए लाभकारी साबित होंगे। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: Home Minister Amit Shah said, 'Govt will make forensic investigation mandatory for offenses punishable with more than 6 years'

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