'असम राइफल्स' पर कंट्रोल को लेकर गृह और रक्षा मंत्रालय में खींचतान, प्रधानमंत्री करेंगे फैसला!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 23, 2019 08:30 IST2019-09-23T08:29:45+5:302019-09-23T08:30:38+5:30

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) जल्द ही असम राइफल्स के भविष्य का फैसला करेगी जो काफी वक्त से दोहरे कंट्रोल का सामना कर रहा है। 

Home and Defense Ministry pulling control over 'Assam Rifles', CCS will decide | 'असम राइफल्स' पर कंट्रोल को लेकर गृह और रक्षा मंत्रालय में खींचतान, प्रधानमंत्री करेंगे फैसला!

'असम राइफल्स' पर कंट्रोल को लेकर गृह और रक्षा मंत्रालय में खींचतान, प्रधानमंत्री करेंगे फैसला!

Highlightsअसम राइफल्स का प्रशासनिक कंट्रोल गृह मंत्रालय के पास है लेकिन इसके ऑपरेशन पर रक्षा मंत्रालय का नियंत्रण है। असम राइफल्स म्यांमार से जुड़े 1643 किमो लंबे बॉर्डर की सुरक्षा करती है।

असम राइफल्स पर पूर्ण नियंत्रण के मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय में खींचतान मच गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक असम राइफल्स से आर्मी का ऑपरेशनल कंट्रोल जा सकता है अथवा इसे आईटीबीपी के साथ मर्ज किया जा सकता है। गृह मंत्रालय ने एक प्रस्ताव रखा है जिसमें इस पैरा मिलिट्री फोर्स का पूरा नियंत्रण मिलने की बात कही है। रक्षा मंत्रालय ऐसा नहीं चाहता।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक असम राइफल्स का प्रशासनिक कंट्रोल गृह मंत्रालय के पास है लेकिन इसके ऑपरेशन पर रक्षा मंत्रालय का नियंत्रण है।

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) जल्द ही असम राइफल्स के भविष्य का फैसला करेगी जो काफी वक्त से दोहरे कंट्रोल का सामना कर रहा है।

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि गृह मंत्रालय के असम राइफल्स पर पूरे कंट्रोल के प्रस्ताव पर जनरल बिपिन रावत ने चिंता जाहिर की है। आर्मी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को मामले के सभी पहलुओं से अवगत कराने के लिए एक विस्तृत प्रेजेंटेशन तैयार किया है। आर्मी चाहती है कि असम राइफल्स का प्रशासनिक और ऑपरेशन कंट्रोल उन्हीं के पास हो।

आर्मी यह भी सुझाव देगी कि बॉर्डर की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आईटीबीपी और बीएसएफ की बटानियन का नियंत्रण भी सेना के पास होना चाहिए। गृह मंत्रालय इससे अलग सोचता है। उसका मानना है कि सभी पैरा मिलिट्री फोर्स का पूरा नियंत्रण गृह मंत्रालय के पास होना चाहिए। 

फिलहाल गृह मत्रालय के पास असम राइफल्स के अलावा आईटीबीपी, बीएसएफ, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, एनएसजी और एसएसबी का कंट्रोल है।

असम राइफल्स म्यांमार से जुड़े 1643 किमो लंबे बॉर्डर की सुरक्षा करती है। इसके अलावा आर्मी के साथ मिलकर नॉर्थ-ईस्ट में आतंक विरोधी ऑपरेशन को अंजाम देती है। इसमें करीब 65,00 जवान हैं। शांति और 'छद्म युद्ध' के दौरान भारत-चीन और भारत-म्यांमार की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। सेना के नियंत्रण में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप बल के रूप में कार्य स्थिति केंद्रीय अर्द्धसैनिक आपरेशनों के नियंत्रण से बाहर चला जाता है।

Web Title: Home and Defense Ministry pulling control over 'Assam Rifles', CCS will decide

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