हिज्ब के संस्थापक आतंकी इम्तियाज आलम की पाकिस्तान में की गई हत्या, भारतीय सुरक्षाधिकारियों में खुशी का माहौल

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: February 21, 2023 12:18 IST2023-02-21T12:14:08+5:302023-02-21T12:18:27+5:30

हिज्बुल मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्यों में से एक आतंकी कमांडर इम्तियाज आलम को पाकिसतान के रावलपिंडी में मौत के घाट उतार दिया गया। भारत सरकार ने पाकिस्तान को कई बार जिन आतंकियों की सूची सौंपी है उनमें हर बार सूची में इम्तियाज आलम का नाम भी शामिल था।

Hizb founder terrorist Imtiyaz Alam killed in Pakistan | हिज्ब के संस्थापक आतंकी इम्तियाज आलम की पाकिस्तान में की गई हत्या, भारतीय सुरक्षाधिकारियों में खुशी का माहौल

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsआतंकी कमांडर इम्तियाज आलम की पाकिस्तान में की गई हत्याभारतीय सुरक्षाधिकारियों में खुशी का माहौलकश्मीर में कई आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार था इम्तियाज आलम

जम्मू: हिज्बुल मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्यों में से एक आतंकी कमांडर इम्तियाज आलम को पाकिसतान के रावलपिंडी में मौत के घाट उतार दिए जाने की खबर से उन भारतीय सुरक्षाधिकारियों में खुशी का माहौल है जो कश्मीर में पिछले 33 सालों से पाक परस्त आतंकवाद से जूझ रहे हैं। अब उनकी दुआ है कि वे तीन मुख्य आतंकी कमांडर भी या तो मारे जाएं या फिर उनके हवाले कर दिए जाएं जिन्हें वे कश्मीर में फैले आतंकवाद के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार मानते हैं।

ये तीन कमांडर हैं - जैश-ए-मुहम्मद का सर्वोसर्वा मौलाना मसूद अजहर, लश्कर-ए- तैयबा को चलाने वाला हाफीज मुहम्मद सईद और हिज्बुल मुजाहिदीन का सुप्रीम कमांडर सैयद सलाहुद्दीन। इन तीनों के बारे में एक चौंकाने वाला तथ्य ये है कि जम्मू कश्मीर पुलिस का यह मानना है कि अगर तीनों को पाकिस्तान भारत सरकार को सौंप देती है तो कश्मीर में आंतकवाद की कमर पूरी तरह से  टूट जाएगी।

भारत सरकार ने पाकिस्तान को कई बार जिन आतंकियों की सूची सौंपी है उनमें हर बार सूची में ये तीन नाम भी शामिल किए जाते रहे हैं। फिलहाल कश्मीर पुलिस को भी इंतजार है कि वह दिन अवश्य आएगा जिस दिन पाकिस्तान इन तीनों को भारत के हवाले करेगा जो सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से कश्मीर में फैले आतंक के लिए जिम्मेदार हैं या फिर खुद पाकिस्तान इनको मार डालेगा।

यह बात अलग है कि लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख हाफीज मुहम्मद सईद कभी कश्मीर में नहीं आया लेकिन वह कश्मीर में फैले आतंक के लिए जिम्मेदार इसलिए माना जाता रहा है क्योंकि कश्मीर पुलिस के मुताबिक, "कश्मीर में उसके गुट द्वारा की जाने वाली घटनाओं के लिए हम उसके मुखिया को ही जिम्मेदार मानते हैं।"

लेकिन जैश-ए- मुहम्मद का मौलाना मसूद अजहर तथा हिज्बुल मुजाहिदीन का सैयद सलाहुद्दीन अवश्य कश्मीर में सीधे आतंकी घटनाओं के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं। इनमें से सैयद सलाहुद्दीन तो कश्मीर का नागरिक भी है जिसने 1987 के विवादास्पद विधानसभा चुनावों में हिस्सा भी लिया था और कथित चुनावी धांधली के विरोध में उसने बंदूक उठा ली थी। सैयद सलाहुद्दीन खुद ही हिज्बुल मुजाहिदीन का सुप्रीम कमांडर बन बैठा था जब मास्टर अहसान डार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। सुप्रीम कमांडर बनने के  उपरांत वह पाक कब्जे वाले कश्मीर में चला गया था।

इन तीनों कमांडरों के विरूद्ध कश्मीर घाटी में कई मामले दर्ज हैं। इन आतंकी नेताओं के खिलाफ कश्मीर में जो मामले दर्ज हैं उनमें सैयद सलाहुद्दीन के खिलाफ जम्मू कश्मीर के मंत्री गुलाम हसन बट के कत्ल का मामला भी है जिनकी एक बारूदी सुरंग विस्फोट में मौत हो गई थी। जैश-ए- मुहम्मद के सर्वोसर्वा मौलाना मसूद अजहर के खिलाफ 1 अक्तूबर 2001 को कश्मीर विधानसभा के बाहर हुए मानव बम तथा आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी का मामला पुलिस फाइलों में दर्ज है जिसमें 46 लोग मारे गए थे।

Web Title: Hizb founder terrorist Imtiyaz Alam killed in Pakistan

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