संसद में स्पीकर तीन बार क्यों बोलते हैं 'The ayes have it', जानें क्या है इसका इतिहास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 7, 2019 05:15 PM2019-08-07T17:15:05+5:302019-08-07T17:15:05+5:30
सदन की कार्रवाही का अपना इतिहास रहा है जो एक पारंपरिक तरीके से संचालित किया जाता है। सदन की कार्यवाही नियम कानून के तहत चलता है।जिसके तहत कार्यवाही संचालित होती है।
संसद के सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में किसी भी विधेयक के प्रस्ताव को पारित करने के लिए अक्सर स्पीकर तीन बार 'The ayes have it' कहते हैं। क्या आपको मालूम है कि स्पीकर सदन में तीन बार 'The ayes have it' क्यों बोलते हैं। राज्यसभा में धारा 370 बिल पास होने के बाद ट्विटर पर लोगों ने 'The ayes have it' का मतलब पूछा।
दरअसल, स्पीकर 'The ayes have it' किसी भी विधेयक के प्रस्ताव को 'स्वीकृति' देने के लिए तीन बार इस्तेमाल करता है। इसका मतलब हुआ कि किसी भी प्रस्तावित विधेयक को सदन से मंजूरी मिल गई। संसद के सदन में दो शब्दों का इस्तेमाल किया जाता है AYES और NOES। AYES का मतलब हां/YES और NOES का मतलब नहीं/NO।
सदन की कार्यवाही के नियम
सदन की कार्यवाही का अपना इतिहास रहा है, जो एक पारंपरिक तरीके से संचालित किया जाता है। सदन की कार्यवाही नियम कानून के तहत चलता है।जिसके तहत कार्यवाही संचालित होती है। भारत के संविधान का बड़ा हिस्सा ब्रिटेन के संविधान से लिया गया है। ब्रिटेन की संसद में भी बिना स्पीकर के इजाजत के नहीं बोल सकते हैं। ठीक इसी प्रकार भारत के सदन में भी स्पीकर के इजाजत बिना किसी को बोलने की इजाजत नहीं होती है।
जानिए कैसे होता है मतदान और मत विभाजन
संसद के सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में किसी भी विधेयक के प्रस्ताव को मतदान और मत-विभाजन की प्रक्रिया के तहत पारित किया जाता है। यह मतदान ध्वनिमत, मत विभाजन, पर्चियों के जरिए किया जाता है।
ध्वनिमत- यह किसी सदस्य द्वारा किए गए प्रस्ताव पर स्पीकर द्वारा रखे गए प्रश्न पर निर्णय लेने की एक सरल प्रक्रिया है। ध्वनिमत के तहत के स्पीकर सभा में मौजूद सदस्यों के सामने प्रश्न का निर्धारण 'हां' या 'नहीं' में रखता है। अगर ध्वनि हां की तरफ ज्यादा है तो स्पीकर उसके पक्ष में जाता है।
पर्चियों के जरिए मत विभाजन- इसमें पर्चियों से वोटिंग कराई जाती है। सभा में मौजूद सदस्यों के पर्चियां बांटी जाती है। जिसमें प्रस्ताव को पारित करने के लिए हां या नहीं का विकल्प चुनना होता है।