हिमंत ने असम में प्रस्तावित गौ संरक्षण विधेयक का बचाव किया
By भाषा | Updated: May 24, 2021 22:36 IST2021-05-24T22:36:21+5:302021-05-24T22:36:21+5:30

हिमंत ने असम में प्रस्तावित गौ संरक्षण विधेयक का बचाव किया
गुवाहाटी, 24 मई असम में प्रस्तावित गौ संरक्षण विधेयक का बचाव करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा और सत्ताधारी भाजपा ने सोमवार को कहा कि जहां हिंदू रहते हैं और गोवंश की पूजा की जाती है, वहां गोमांस का सेवन नहीं किया जाना चाहिए
असम विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्षी एआईयूडीएफ ने आशंका जताई थी कि प्रस्तावित विधेयक से भीड़ द्वारा हत्या की घटनाओं को बढ़ावा मिलेगा जैसा कि उत्तर भारत में “गाय पट्टी” के इलाकों में हुआ।
सरमा ने कहा, “हम मानते हैं कि गाय हमारी माता है। हम चाहते हैं कि मवेशी पश्चिम बंगाल से न आएं। हम चाहते हैं कि उन स्थानों पर गोमांस का उपभोग न हो जहां गायों को पूजा जाता है। मैं यह नहीं कह रहा कि लोगों को समग्र रूप से अपनी प्राकृतिक आदतों को छोड़ देना चाहिए।”
भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में मवेशियों के संरक्षण के लिये कानून है।
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कई बार लखनऊ से दारुल उलूम का बयान देखा है कि जहां हिंदू रहते हैं वहां गोमांस का सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
सरमा ने कहा, “फैंसी बाजार या शांतिपुर या गांधीबस्ती (सभी गुवाहाटी में) में होटल मदीना की कोई आवश्यकता नहीं है,क्योंकि लोगों में संवेदनशीलता है। जहां कोई संवेदनशीलता नहीं है, वहां सभी व्यक्तिगत आदतें जारी रहेंगी। भारतीय संविधान कहता है कि गाय की हत्या नहीं की जानी चाहिए, यह निर्देशक सिद्धांतों में है।”
उन्होंने कहा, “हम अपील करते रहेंगे कि कृपया इसे (खाने के लिये गायों की हत्या) धीरे-धीरे छोड़ दीजिए। लेकिन, हमें उन स्थानों पर काम करना होगा जहां हम संवेदनशील हैं। जब एआईयूडीएफ के विधायक ऐसे विधायकों का सदन में समर्थन करेंगे तो एक नया असम उभरेगा।”
असम की 15वीं विधानसभा के पहले सत्र को संबोधित करते हुए22 मई को असम के राज्यपाल जगदीश मुखी ने कहा था कि लोग गाय की पूजा करते हैं और प्रदेश सरकार मवेशियों का राज्य से बाहर परिवहन रोकने के लिये विधानसभा के अगले सत्र में गौ संरक्षण विधेयक लाने की योजना बना रही है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।