भाजपा को अगले 10 साल तक 'मिया' समुदाय के वोटों की जरूरत नहीं: हिमंत बिस्वा सरमा
By मनाली रस्तोगी | Updated: October 2, 2023 07:59 IST2023-10-02T07:57:58+5:302023-10-02T07:59:09+5:30
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि भाजपा को 'मिया' समुदाय से तब तक वोटों की आवश्यकता नहीं है जब तक वे बाल विवाह जैसी प्रथाओं में सुधार नहीं करते। 'मिया' शब्द बंगाली भाषी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।

फाइल फोटो
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि भाजपा को अगले 10 वर्षों तक चार (नदी के रेतीले) क्षेत्रों के मिया लोगों के वोटों की जरूरत नहीं है, जब तक कि वे बाल विवाह जैसी प्रथाओं को छोड़कर खुद में सुधार नहीं कर लेते। हालांकि, सरमा ने कहा कि मिया लोग उनका, पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा का समर्थन करते हैं और वे उन्हें वोट दिए बिना भगवा ब्रिगेड के पक्ष में नारे लगाना जारी रख सकते हैं।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, "भाजपा जन कल्याण करेगी और वे हमारा समर्थन करेंगे, लेकिन उन्हें हमें वोट देने की जरूरत नहीं है।' हमारा समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है। उन्हें हिमंत बिस्वा सरमा, नरेंद्र मोदी और भाजपा के लिए जिंदाबाद के नारे लगाने दें।" मिया शब्द बंगाली भाषी मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है।
सीएम सरमा ने कहा, "जब चुनाव आएगा, तो मैं खुद उनसे अनुरोध करूंगा कि वे हमें वोट न दें। जब आप परिवार नियोजन का पालन करेंगे, बाल विवाह रोकेंगे और कट्टरवाद छोड़ देंगे, तब आप हमें वोट देंगे। इन्हें पूरा करने में 10 साल लगेंगे। हम अभी नहीं, 10 साल बाद वोट मांगेंगे।"
उन्होंने कहा कि उनके और भाजपा के पक्ष में मतदान करने वालों को दो या तीन से अधिक बच्चे नहीं पैदा करने चाहिए, अपनी बेटियों को स्कूल भेजना चाहिए, बाल विवाह नहीं करना चाहिए और कट्टरवाद छोड़कर सूफीवाद अपनाना चाहिए। सरमा ने पत्रकारों से कहा, "जब ये शर्तें पूरी हो जाएंगी तो मैं आपके साथ वोट मांगने 'चार' जाऊंगा।"
जब उन्हें बताया गया कि कई 'चार', जहां मुख्य रूप से बंगाली भाषी मुस्लिम रहते हैं, वहां उचित स्कूल नहीं हैं, तो उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ऐसे क्षेत्र में स्कूल की गैर-मौजूदगी के बारे में सूचित किया जाएगा तो तुरंत स्कूल स्थापित किए जाएंगे। सरमा ने कहा, "ऐसा नहीं हो सकता कि अल्पसंख्यक छात्रों को पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। हम आने वाले दिनों में अल्पसंख्यक क्षेत्रों में सात कॉलेज खोलेंगे।"