शिमला : हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या 13 तक पहुंच गई है । भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान मलबे से शवों को निकाल रहे हैं और बचाव अभियान में लगे हुए हैं ।
13 लोगों के मौत की हुई पुष्टि
राज्य सरकार के अनुसार, अबतक 13 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला लिया गया है । इस हादसे में एक बस, एक बोलेरो औऱ उसके यात्री मलबे के नीचे नहीं मिले हैं और उनका अभी तक पता नहीं चल पाया है । बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किन्नौर भूस्खलन में हुए लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और मारे गए लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायल हुए लोगों को 50000 रुपए मुआवजा राशि देने की घोषणा की।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरफ) की टीम गुरुवार को हिमाचल प्रदेश में किन्नौर भूस्खलन स्थल पर खोज अभियान में लगी हुई है । आईटीबीपी के अनुसार एक और शव मिलने के बाद किन्नौर भूस्खलन स्थल से बरामद शवों की संख्या 13 हो गई है । गुरुवार सुबह आईटीबीपी के डिप्टी कमांडेंट धर्मेंद्र ठाकुर ने कहा कि 'हमने बस के अवशेषों का पता लगा लिया है और एक शव बरामद किया गया है ।'
बुधवार को हुई ती घटना
आपको बता दें कि बुधवार को हुए इस भीषण हादसे के बाद तबाही मच गई ।भारत तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों ने किन्नौर में भूस्खलन के बाद एक बस के मलबे से एक और शव बरामद किया था । इसके साथ ही मरने वालों की संख्या 11 हो गई थी । सरकार ने बुधवार देर रात कहा था कि कुल 13 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया और 10 की मौत हो गई है । एक बस , एक बोलेरो और उसके यात्री के नीचे नहीं पाए गए और उसका भी पता नहीं चल सका है । जवान बचाव अभियान में लगे हुए हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी भूस्खलन में हुई मौतों पर शोक जताया । उन्होंने कहा यह सुनकर दुख हुआ कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में भूस्खलन के कारण कई लोगों की मौत हो गई और अन्य खतरे में हैं । मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों के साथ है । राहत और बचाव कार्य में पूर्ण सफलता के लिए प्रार्थना करता हूं