शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के दावेदारी का दम भर रही कांग्रेस-भाजपा के बीच जारी नूरा-कुश्ती में कांग्रेस की ओर से राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके शासनकाल और कार्यशैली के लिए घेरते हुए बेहद आक्रामक टिप्पणी की।
अशोक गहलोत ने शिमाला में कहा कि जनता से जिन वादों को करके नरेंद्र मोदी 2014 में देश के प्रधानमंत्री बने थे, वो उनमें से किसी भी वादे पर खरे नहीं उतरे हैं। शिमला में पत्रकारों से बात करते हुए अशोक गहलोत ने भाजपा को लताड़ लगाते हुए कहा, "बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी? आप कब तक मोदी जी का चेहरा सामने रखकर राजनीति करेंगे? पता नहीं मोदी जी को महसूस हो रहा है कि नहीं लेकिन उनका खुद का काम नीचे आ रहा है। अगर लोगों को उनके 2014 के भाषण सुना दें तो हमें कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।"
अलका लांबा समेत कांग्रेस के अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में सीएम अशोक गहलोत ने हिमाचल में सत्ताधारी भाजपा को कोसते हुए कहा कि पांच साल के दौरान इन्होंने कोई भी काम नहीं किया, तभी तो चुनाव प्रचार में आने वाले इनके बड़े-बड़े नेता प्रदेश की बात न करके सीधे चीन और पाकिस्तान की बात करने लगते हैं। वो ये नहीं बताते कि हिमाचल प्रदेश में कितने लोगों को उन्होंने रोजगार दिया, विकास का कौन सा काम किया है।
सीएम गहलोत ने कहा कि भाजपा हर चुनाव की तरह इस चुनाव को भी धर्म की धुरी पर लड़ने का प्रयास कर रही है लेकिन हिमाचल की जनता बहुत समझदार है, वो जानती है कि ये दूध-दही पर भी टैक्स लेने वाले लोग हैं। इनकी बातों का अब कोई असर नहीं होने वाला है और हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बहुत भारी अंतर से हारने जा रही है।
अशोक गहलोत के अलावा कांग्रेस के एक अन्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से हिमाचल प्रदेश चुनाव पर टिप्पणी करते हुए भाजपा को घेरने का प्रयास किया। सीएम भूपेश बघेल ने रायपुर में पत्रकारों से बात करते हुए हिमाचल भाजपा में चल रही बगावती जंग पर कहा, "एक बागी प्रत्याशी को प्रधानमंत्री का फोन करना और उसके बाद भी उस बागी प्रत्याशी का नामांकन वापस न लेना वैसा ही जैसे युद्धक्षेत्र में सैनिक का सेनापति की बात न माने। हिमाचल में 68 विधानसभा सीट हैं, जिस पर 21 बागी (भाजपा के) खड़े हैं।"
सीएम भूपेश बघेल के आरोपों के इतर अगर हम हिमाचल प्रदेश विधानसभा की मौजूदा स्थिति पर बात करें तो हिमाचल प्रदेश में विधानसभा की कुल 68 सीटें हैं। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस को करारी शिकस्त देते हुए विधानसभा पर कब्जा किया था। जिसमें भाजपा ने 44 सीटों पर कमल खिलाया था, जबकि 21 सीटें कांग्रेस के खाते में गई थी।
उसके अलावा साल 2017 के प्रदेश चुनाव में भाजपा-कांग्रेस की बीच हुई मुख्य लड़ाई के बीच एक सीट पर सीपीआई (एम) और दो सीटों पर निर्दलीयों ने कब्जा किया था। इस बार हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव एक ही चरण में संपन्न होंगे। और इसके लिए 12 नवंबर को मतदान होगा, जबकि नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे। इस बार सूबे की सत्ता पर कब्जा जमाने के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच काटें की जंग लगातार जारी है।