जलप्रलय के बीच हिमाचल में अब भी फंसे हैं 20 हजार पर्यटक, 50 हजार को निकाला जा चुका है, सीएम सुखविंदर सिंह ने दी जानकारी
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 12, 2023 06:29 PM2023-07-12T18:29:49+5:302023-07-12T18:31:26+5:30
हिमाचल में ब्यास और पावर्ती नदियों ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। राज्य सरकार और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती फंसे पर्यटकों को निकालने की है। राज्य में जब तबाही की शुरुआत हुई तब वहां अलग-अलग जगहों पर 70 हजार से पर्यटक फंसे हुए थे।
नई दिल्ली: पर्यटन के शौकीन लोगों के लिए हिमाचल प्रदेश देश के सबसे पसंदीदा जगहों में से एक है। लेकिन मानसूनी बारिश और उफनाई नदियों के कारण आई जलप्रलय के कारण पिछले कुछ दिन हिमाचल को लोगों और वहां घूमने गए पर्यटकों के लिए भयावह रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में लगातार जारी भारी बारिश के कारण नदियां उफान पर हैं और जगह-जगह तबाही के मंजर देखे जा रहे हैं। इस बीच राज्य सरकार और प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती फंसे पर्यटकों को निकालने की है। राज्य में जब तबाही की शुरुआत हुई तब वहां अलग-अलग जगहों पर 70 हजार से पर्यटक फंसे हुए थे। इनमें से 50 हजार को निकाला जा चुका है लेकिन 20 हजार अब भी फंसे हुए हैं।
पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए चलाए जा रहे अभियान की जानकारी देते हुए हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। हमारी प्राथमिकता लोगों को जल्द से जल्द बचाना है। हमने लगभग 50,000 पर्यटकों को बचाया है, लेकिन 20,000 अभी भी कई स्थानों पर फंसे हुए हैं। हमने कुल्लू और मनाली में अस्थायी रूप से बिजली और मोबाइल सोवाएं बहाल कर दी है।"
#WATCH | Himachal Pradesh CM Sukhwinder Singh Sukhu, says "There has been massive destruction in the state. Our priority is to rescue people at the earliest. We have rescued around 50,000 tourists, but 20,000 are still stranded at several places. We have temporarily restored the… pic.twitter.com/1SMAIy66ep
— ANI (@ANI) July 12, 2023
सीएम ने कहा कि हमारे मंत्री हर जिले तक पहुंचने और अधिकतम संभव सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं। राज्य में अब तक नुकसान का शुरुआती अनुमान 3000 करोड़ रुपये से 4000 करोड़ रुपये के बीच है। हिमाचल में 6 नेशनल हाईवे समेत लगभग 1000 सड़कें यातायात के लिए अवरुद्ध हैं। 4686 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हैं। चंडीगढ़ मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग गंभरोला के पास भूस्खलन होने से बंद हो गया है। पानी की ताकत इतनी थी कि घर ताश के पत्ते की तरह गिर गए और गाड़ियां तिनके की तरह बह गई।
हिमाचल में ब्यास और पावर्ती नदियों ने सबसे ज्यादा तबाही मचाई है। प्रदेश में 1300 से 1400 बस रूट भी निलंबित हैं। इसके कारण दूध-ब्रेड की सोलन, शिमला समेत अन्य जगह नहीं पहुंच पा रहे हैं। हालांकि पिछले 24 घंटे में मौसम के रुख में थोड़ी नरमी आई है और नदियों के जलस्तर में थोड़ी कमी आई है।