बिहार के मुफ्फरपुर में हिजाब पर हुआ बवाल, प्रिंसिपल ने कहा, 'कुछ छात्राओं की अटेंडेंस कम है, इसलिए वो विवाद पैदा कर रही हैं'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 16, 2022 07:29 PM2022-10-16T19:29:59+5:302022-10-16T19:36:11+5:30
बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एमडीडीएम कॉलेज में परीक्षा दे रही छात्राओं ने हिजाब के मुद्दे पर जमकर बवाल किया। छात्राओं का आरोप है कि परीक्षा कक्ष निरीक्षक ने उन्हें हिजाब उतारकर परीक्षा देने के लिए कहा।
मुजफ्फरपुर: हिजाब विवाद अब एक ऐसा मुद्दा बन गया है, जिसके कारण आये दिन कहीं न कहीं हंगामे की खबरे आती रहती हैं। ताजा मामला बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एमडीडीएम कॉलेज से जुड़ा है, जहां परीक्षा दे रही छात्राओं ने हिजाब के मुद्दे पर जमकर बवाल किया। जानकारी के मुताबिक छात्राओं का आरोप है कि जब वो परीक्षा दे रही थीं तो कक्ष निरीक्षक ने उन्हें हिजाब हटाकर परीक्षा देने के लिए कहा।
छात्राओं के मुताबिक परीक्षक का कहना था कि हिजाब के भीतर ब्लूटूथ डिवाइस लगा हो सकता है। इसलिए छात्राओं को परीक्षा देते वक्त इसे उतार देना चाहिए। छात्राओं का कहना था कि उन्होंने हिजाब को हटाकर अपने कान कक्ष परीक्षक को चेक कराया लेकिन उसके बाद भी वो हिजाब उतारने पर अड़े रहे।
इस संबंध में समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि बिहार के मुजफ्फरपुर में एमडीडीएम कॉलेज में परीक्षा के दौरान कथित तौर पर हिजाब हटाने की बात पर छात्राओं ने विरोध-प्रदेर्शन किया। छात्रा ने बताया,"परीक्षा देते समय टीचर ने हिजाब हटाकर कान दिखाने के लिए कहा कि ब्लूटूथ तो नहीं लगा है।हमने कान दिखाया लेकिन उन्होंने हिजाब खोलने के लिए कहा।"
बिहार: मुजफ्फरपुर में MDDM कॉलेज में परीक्षा के दौरान कथित तौर पर हिजाब हटाने की बात पर छात्राओं ने विरोध-प्रदेर्शन किया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 16, 2022
छात्रा ने बताया,"परीक्षा देते समय टीचर ने हिजाब हटाकर कान दिखाने के लिए कहा कि ब्लूटूथ तो नहीं लगा है।हमने कान दिखाया लेकिन उन्होंने हिजाब खोलने के लिए कहा।" pic.twitter.com/VyVey4SUqe
हंगामें के बाद कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर कनुप्रिया ने कहा कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा कॉलेज के माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। आपत्ति जताने वाली छात्राएं इंटर की परीक्षा दे रही थीं। कक्ष निरीक्षक ने उनसे मोबाइल या उससे संबंधित ब्लूटूथ तो हटाने को कहा था लेकिन कुछ छात्राओं ने इसे विवाद का मुद्दा बना दिया ।
उन्होंने कहा कि कॉलेज के लिए यह बेहद शर्मनाक बात है। हंगामा करने वाली छात्राओं की कॉलेज में उपस्थिती 75 फीसदी से भी कम है। चूंकि शिक्षा मंत्री और यूनिवर्सिटी का आदेश है कि 75 फीसदी से कम अटेंडेंस वालों को फाइनल एग्जाम में नहीं बैठने दिया जाए। इस कारण ये बेवजह विवाद को पैदा करने का प्रयास कर रही हैं लेकिन कॉलेज प्रशासन ऐसे किसी विवाद के आगे झुकने वाला नहीं है। हंगामा करने वाली छात्राओं के खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।