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हिजाब विवाद: केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने की 'कॉमन सिविल कोड' लागू करने की मांग, कहा- देश एक है तो कानून भी एक होना चाहिए

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 11, 2022 14:39 IST

भारतीय जनता पार्टी के तीन प्रमुख एजेंडे में शामिल 'कॉमन सिविल कोड' बीते कई दशकों से भाजपा और विपक्षी दलों के बीच असहमति और विरोध का प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।

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ठळक मुद्देकर्नाटक के कॉलेज में हिजाब पहनने के मुद्दे पर आज पूरे देश में छाया हुआ हैयह विवादित मामला कर्नाटक हाईकोर्ट से होते हुए आज सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर भी आ पहुंचापरोक्ष तौर पर हिजाब विवाद को निशाना बनाते हुए गिरिराज सिंह ने कॉमन सिविल कोड का मुद्दा छेड़ दिया

दिल्ली:  देश में चल रहे हिजाब विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कॉमन सिविल कोड की बात छेड़ दी है। भारतीय जनता पार्टी के तीन प्रमुख एजेंडे में शामिल 'कॉमन सिविल कोड' बीते कई दशकों से भाजपा और विपक्षी दलों के बीच असहमति और विरोध का प्रमुख मुद्दा बना हुआ है।

कर्नाटक के कॉलेज में हिजाब पहनने के मुद्दे पर आज पूरे देश में छाया हुआ है। वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट से होते हुए हिजाब विवाद आज सुप्रीम कोर्ट की दहलीज पर भी पहुंचा। जहां सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने मामले में तत्काल सुनवाई से स्पष्ट इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की बेंच ने मामले को राष्ट्रीय मुद्दा न बनाने की नसीहत देते हुए कहा कि उचित समय पर हम इस अर्जी पर सुनवाई करेंगे।

इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने हिजाब शब्द का जिक्र न करते हुए ट्वीट किया और कहा, "प्रान्त और धर्म के नाम पर देश को कोने-कोने से तोड़ने का प्रयास प्रतिदिन किया जा रहा है। हालात ऐसे बनाए जा रहे हैं कि समान नागरिक संहिता (uniform civil code) समय की मांग बन गई है। अब कुछ खास वर्ग के लोग ने देश का कानून तय करना शुरू कर दिया है।"

गिरिराज सिंह ने ट्वीट में भले ही हिजाब शब्द का उल्लेख न किया हो लेकिन मौजूदा समय में विवादों का केंद्र बना यह मुद्दा ही परोक्ष तौर पर केंद्रीय मंत्री के विषय वस्तु का केंद्र है। मालूम हो कि कर्नाटक से उड़ी हिजाब के मुद्दे ने धीरे-धीरे महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, यूपी और बिहार समेत कई राज्यों को अपनी जद में ले लिया है।

हिजाब मामले को अपनी सुरक्षा से जोड़ते हुए एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय की ओर से दी गई जेड श्रेणी की सुरक्षा से क्या फायदा जब जब इस देश में मुस्कान जैसी मुस्लिम लड़कियों को खतरा है।

मालूम हो कि ओवैसी की कार पर उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान गोली चलाई गई थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय और स्वयं गृह मंत्री अमित शाह ने औवैसी से सुरक्षा लेने की प्रार्थना की लेकिन उन्होंने जेड सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया था। 

टॅग्स :कर्नाटक हिजाब विवादगिरिराज सिंहBJPमोदी सरकारअसदुद्दीन ओवैसी
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