नैनीताल, 17 नवंबर उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने श्रीनगर स्थित हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबंद्ध कॉलेजों की संबद्धता समाप्त कर उन्हें श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध किए जाने के केंद्र सरकार के आदेश को खारिज कर दिया है।
अदालत ने केंद्र और राज्य सरकारों से दो महीने के भीतर यह भी निर्णय करने को कहा है कि दोनों में से कौन केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों को अनुदान देगा।
अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि जब तक इस संबंध में कोई निर्णय न हो तब तक राज्य सरकार कॉलेजों को अनुदान दें।
केंद्र सरकार के पांच जून, 2020 के आदेश को खारिज करने का निर्णय मुख्य न्यायाधीश आर. एस. चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने मंगलवार को इस संबंध में दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई के बाद दिया।
देहरादून निवासी और पृथक राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान और अरुण कुमार के अलावा रुड़की के बीएसएम पीजी कॉलेज तथा दयानंद एजुकेशनल इंस्टीटयूट ने उच्च न्यायालय में अलग—अलग याचिका दायर कर दावा किया था कि केंद्र सरकार के आदेश के परिणामस्वरूप बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कॉलेजों की संबद्धता रद्द कर दी है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार के पास ऐसा आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि ऐसे आदेश देने का अधिकार विश्वविद्यालय अनुदान आयोग या उसके नियमों के तहत स्वयं विश्वविद्यालय को ही है।
केंद्र के इस निर्णय को 'असंवैधानिक' बताते हुए याचिका में कहा गया था कि संबंद्ध कॉलेजों को दिया जाने वाला अनुदान केंद्र को वहन करना चाहिए था लेकिन वह राज्य सरकार द्वारा दिया जा रहा है।
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