नैनीताल, एक अप्रैल उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बिना वैध दस्तावेजों के भारत आई अमेरिका की एक महिला की चार साल के कारावास की सजा को घटाकर 11 माह कर दिया है।
अमेरिकी नागरिक फरीदा मलिक की याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे ने चार साल के सश्रम कारावास की सजा को ग्यारह माह में बदल दिया और अधिकारियों से कहा कि वे उसे अपने देश वापस जाने दें क्योंकि वह अपनी सजा पहले ही काट चुकी है।
निचली अदालत ने मलिक को चार साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी जिसे उसने उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।
मलिक के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में दलील दी कि निचली अदालत ने उसके अपराध के हिसाब से उसे कहीं बड़ी सजा दी है।
याचिका में यह भी कहा गया कि भारत और अमेरिका के रिश्ते सौहार्दपूर्ण हैं और भारत में रहने के दौरान महिला द्वारा कोई अन्य अपराध नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि भारतीय सुरक्षाकर्मियों ने भारत-नेपाल सीमा पर जांच के दौरान अमेरिकी महिला को बस में उस समय पकड़ा था, जब वह वैध वीजा के बिना यात्रा कर रही थी।
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