हम अनपढ़ है और कानून का ज्ञान नहीं है...यह बहाना नहीं चलेगा, हाईकोर्ट ने खारिज की दो किराएदारों की याचिका
By सौरभ खेकडे | Published: February 21, 2022 07:17 PM2022-02-21T19:17:35+5:302022-02-21T19:18:15+5:30
याचिकाकर्ता नागपुर के मंगलवारी स्थित एक मकान में किराएदार है. मकान मालिक की अर्जी स्वीकार करते हुए दीवानी न्यायालय ने इन्हें घर खाली करने का आदेश दिया है.
नागपुरः ‘हम अनपढ़ है और कानून का ज्ञान नहीं है’, दो याचिकाकर्ताओं की इस दलील काे अस्वीकार करते हुए बंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने याचिका खारिज कर दी है. साथ ही अपने ही वकील पर बेफिजूल आरोप लगाने वाले इन पक्षकारों को हाईकोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है.
दरअसल दोनों याचिकाकर्ता नागपुर के मंगलवारी स्थित एक मकान में किराएदार है. मकान मालिक की अर्जी स्वीकार करते हुए दीवानी न्यायालय ने इन्हें घर खाली करने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में दोनों ने कानून की जानकारी ना होने का तर्क दिया.
लेकिन इस पर न्यायपालिका के मशहूर सिद्धांत ‘कानून का ज्ञान ना होना, यह बहाना नहीं चलेगा’ को दोहराते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि अपनी याचिका में याचिकाकर्ताओं ने वकील पर दोषारोपण के अलावा कोर्ट के समक्ष ठोस सबूत नहीं रखे. ऐसे में याचिका तथ्यहीन है और इसे खारिज किया जाता है.
याचिकाकर्ता को फटकार लगाई
वर्ष 2012 में मकान मालिक ने किराएदार के खिलाफ घर खाली कराने और किराया वसूल करने के लिए दीवानी न्यायालय में मुकदमा दायर किया था. न्यायालय ने मकानमालिक के पक्ष में फैसला दिया था. अब किराएदार का पक्ष है कि उसके वकील ने केवल इतना बताया था कि न्यायालय ने उन्हें बकाया किराया भरने के आदेश दिए है.
वकील ने यह नहीं बताया कि न्यायालय ने उन्हें घर खाली करने के आदेश दिए है. जब उन्होंने दूसरे वकील से संपर्क किया तो उन्हें न्यायालय के सही आदेश का पता चला. निचले न्यायालय के आदेश के करीब 5 वर्ष बाद अब वे हाईकोर्ट आए और सारी गलती अपने वकील के सिर थौंपने लगे. हाईकोर्ट ने माना कि उसके समक्ष ऐसे कई मामले आ रहे है, जिसमें पक्षकार अपने वकील पर सारा दोष थौंपने का प्रयास करते हैं. इस वृत्ति को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है.