सांसद की पत्नी होने का दावा करने वाली महिला को HC ने कुछ रुपये दान करने के लिए कहा, ये है बड़ी वजह
By भाषा | Published: October 18, 2019 06:00 AM2019-10-18T06:00:11+5:302019-10-18T06:00:11+5:30
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन और संगीता ढींगरा की पीठ के इस विचार पर संज्ञान लेते हुए महिला के अधिवक्ता पशु कल्याण निकाय फ्रेंडिकोज को दो लाख रुपये देने पर सहमति जतायी।
जद (यू) के राज्य सभा सदस्य महेंद्र प्रताप सिंह की पत्नी होने का दावा करने वाली महिला को उच्च न्यायालय ने उच्चतम न्यायालय में गलत बयान देने के लिए कुछ राशि परमार्थ कार्यों के लिए दान देने के लिए कहा है। महिला ने दावा किया था कि वह बेघर है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनमोहन और संगीता ढींगरा की पीठ के इस विचार पर संज्ञान लेते हुए महिला के अधिवक्ता पशु कल्याण निकाय फ्रेंडिकोज को दो लाख रुपये देने पर सहमति जतायी। अदालत ने कहा कि ‘गलत बयान’ देने के लिए उस पर जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है लेकिन महिला को कुछ राशि परमार्थ के लिए दान करना पड़ा है।
महिला के अधिवक्ता के दो लाख रुपये की राशि दान करने की सहमति के बाद अदालत ने कहा कि दो हफ्ते में यह राशि दी जानी चाहिए क्योंकि महिला अभी न्यायिक हिरासत में है। उसके खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गयी है जिसमें आरोप है कि महिला ने सांसद की पत्नी के आभूषण वापस नहीं किये हैं।
महिला ने वह याचिका भी वापस ले ली जो उसने सांसद से मिलने की अनुमति के लिए दाखिल की थी। अदालत ने गिरफ्तार की गयी महिला को 20 सितंबर को चार हफ्ते तक सांसद से अलग रहने का निर्देश दिया था। महिला जद यू नेता की दूसरी पत्नी के तौर पर पिछले 45 साल से उनके साथ रह रही थी।