भारत में कोविड-19 के मामलों में कमी के कारण हर्ड इम्युनिटी, युवा आबादी है

By भाषा | Updated: January 4, 2021 19:20 IST2021-01-04T19:20:45+5:302021-01-04T19:20:45+5:30

Herd immunity is the young population due to the decrease in cases of Kovid-19 in India. | भारत में कोविड-19 के मामलों में कमी के कारण हर्ड इम्युनिटी, युवा आबादी है

भारत में कोविड-19 के मामलों में कमी के कारण हर्ड इम्युनिटी, युवा आबादी है

(शकूर राथर)

नयी दिल्ली, चार जनवरी भारत में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की निश्चित संख्या का शायद कभी पता नहीं चल सके लेकिन वैज्ञानिक समुदाय इस बात से सहमत हैं कि बीमारी के मामलों की संख्या कम होना एक वास्तविकता है और संभवत: इसके लिए 'स्थानीकृत' हर्ड इम्युनिटी यानी सामूहिक रोग प्रतिरोधक क्षमता और युवा आबादी को श्रेय दिया जा सकता है।

वैज्ञानिकों ने भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या में उतार-चढ़ाव को समझने का प्रयास किया। सोमवार को कोविड-19 के 16,504 नये मामले सामने आये जो 16 सितम्बर को सामने आये 97,894 मामलों की तुलना में छह गुना कम हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि उम्मीद की एक किरण है और भारत में कोविड-19 के मामलों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है और टीकाकरण कार्यक्रम महत्वपूर्ण है।

अशोका यूनिवर्सिटी के त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंसेज के निदेशक शाहिद जमील ने भारत के कोविड ग्राफ को देखते हुए कहा, ‘‘यह निश्चित संख्या नहीं है, बल्कि उतार-चढ़ाव महत्वपूर्ण है।’’

उन्होंने कहा कि महामारी के दौरान सही संख्या का पता होना असंभव और अव्यावहारिक लगता है या जब तक सभी की जांच नहीं की होती है इसे बता पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि देश में कोविड-19 के मामले सितंबर के मध्य में चरम पर पहुंचने के बाद से लगातार कम हो रहे हैं।

राष्ट्रीय रूख के मुताबिक दिल्ली में कोविड-19 के मामलों का ग्राफ भी सोमवार को नीचे आया और 384 नये मामले दर्ज किये गये जो सात महीनों में सबसे कम हैं और इससे उम्मीद जगी है कि हर्ड इम्युनिटी स्थापित हो सकती है।

‘हर्ड इम्युनिटी’ होने का मतलब है कि लोगों के एक बड़े हिस्से में किसी वायरस से लड़ने की ताकत को पैदा करना।

जमील ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सितंबर के मध्य से जांच या व्यवहार में कुछ भी नहीं बदला है। मामले कम हो रहे हैं।’’

नई दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (एनआईआई) के रोग प्रतिरक्षा विज्ञानी (इम्यूनोलॉजिस्ट) सत्यजीत रथ ने कहा कि हालांकि वास्तविक संख्याओं को अच्छी तरह से आंका जा सकता है, और मामलों की संख्या कम होने की प्रवृत्ति वास्तविक प्रतीत होती है और संक्रमण के प्रसार की दर कम होने की संभावना है।

वाशिंगटन में सेंटर फॉर डिसीज डायनेमिक्स, इकनोमिक्स एंड पॉलिसी के संस्थापक और निदेशक लक्ष्मीनारायण ने कहा, ‘‘भारत युवा आबादी के कारण अधिक सुरक्षित रहा जहां देश का 65 प्रतिशत हिस्सा 35 वर्ष से कम आयु का है और इन आयु वर्गों में संक्रमण की संभावना कम है।’’

लक्ष्मीनारायण ने हालांकि चेताते हुए कहा कि निश्चित रूप से अधिकांश राज्यों में संक्रमण की संख्या में स्वाभाविक रूप से गिरावट देखी जा सकती है लेकिन ऐसा पहले भी कई अन्य देशों में देखा गया है जहां मामलों में वृद्धि हुई है।

रथ ने लक्ष्मीनारायणन से सहमति जताते हुए कहा कि वायरस का प्रसार एक समान ‘लहर’ के रूप में नहीं है, बल्कि बहुत से परिवर्तनशील स्थानीय कारणों से होता है।

एक टीके पर चर्चा करते हुए, लक्ष्मीनारायण ने कहा कि सभी को एक खुराक मिलनी चाहिए, भले ही लोगों में कोविड-19 का संक्रमण हुआ हो या नहीं।

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Web Title: Herd immunity is the young population due to the decrease in cases of Kovid-19 in India.

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