CM बनते ही हेमंत सोरेन ने लिया बड़ा फैलसा, पत्थलगड़ी मामले में हजारों लोगों पर से देशद्रोह का केस वापस
By स्वाति सिंह | Published: December 29, 2019 08:03 PM2019-12-29T20:03:20+5:302019-12-29T20:03:20+5:30
हेमंत कैबिनेट ने छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और पत्थलगड़ी मामले में दर्ज एफआईआर वापस लेने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इस बैठक में खाली पड़े सरकारी पदों को भरने का भी निर्देश दिया गया है।
झारखंड के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार को शपथ लेने के तुरंत बाद भी एक्शन में आ गए हैं। रविवार शाम उन्होंने झारखंड मंत्रालय पहुंचकर पहली कैबिनेट की बैठक की। इस दौरान गठबंधन के मंत्री आलमगीर आलम, रामेश्वर उरांव और सत्यानंद भोक्ता भी शामिल हुए।
झारखंड कैबिनेट की इस पहली बैठक में सोरेन सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। यहां सबसे पहले विधायकों को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर के रूप में स्टीफन मरांडी का चुना गया। बता दें कि 6 जनवरी से 8 जनवरी तक झारखंड विधानसभा का सत्र चलेगा। सदन में पहले दिन सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी। इसके बाद 7 जनवरी को स्पीकर का निर्वाचन होगा। और 8 जनवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, हेमंत कैबिनेट ने छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी) और पत्थलगड़ी मामले में दर्ज एफआईआर वापस लेने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही इस बैठक में खाली पड़े सरकारी पदों को भरने का भी निर्देश दिया गया है। नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने को कहा गया है।
ठंड को लेकर सभी उपायुक्त तथा निगम के आयुक्त से जल्द गरीबों के बीच कंबल, टोपी और सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था करने को कहा गया है। झारखंड के प्रतीक चिन्ह को नए स्वरूप देने का भी निर्देश दिया गया है। अनुबंधकर्मियों और छात्रवृति के लंबित भुगतान को जल्द देने निर्गत करने का आदेश दिया गया है।
बता दें कि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने रविवार को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। यहां मोरहाबादी मैदान में दोपहर सवा दो बजे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा। रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक मात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली। इस प्रकार चुनाव-पूर्व गठबंधन में शामिल तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने शपथ ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज शाम ही मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बैठक बुलायी है। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सभी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शामिल हुयीं। समारोह में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा और अतुल अंजान तथा द्रमुक नेता एम के स्टालिन भी शामिल हुए। समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल नहीं हुए।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा उत्तर प्रदेश की ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी शामिल नहीं हुयीं। झारखंड में पिछले दिलों हुए विधानसभा चुनावों में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाले विपक्षी झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 सीटों में से 47 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया था। उसने सत्ताधारी भाजपा को पराजित किया जिसे सिर्फ 25 सीटें मिलीं।