2 मई तक जारी रहेगी भीषण गर्मी, संयुक्त राष्ट्र एजेंसी WMO, भारतीय मौसम विभाग ने लू को लेकर जारी की चेतावनी
By अनिल शर्मा | Published: April 30, 2022 09:44 AM2022-04-30T09:44:51+5:302022-04-30T09:46:33+5:30
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 28 अप्रैल को व्यापक क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 43-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और यह भीषण गर्मी 2 मई तक जारी रहेगी।
नई दिल्लीः भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि उत्तर पश्चिम भारत के कई हिस्सों और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में लू (हीटवेव) से लेकर गंभीर लू की स्थिति जारी रहने की संभावना है। आईएमडी ने शुक्रवार और शनिवार के लिए पूरे उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत और झारखंड के लिए नारंगी चेतावनी जारी की है, और भीषण गर्मी को देखते हुए कुछ इलाकों को छोड़कर लगभग पूरे देश के लिए 3 मई तक पीली चेतावनी जारी की है। स्थानीय अधिकारियों और आपदा प्रबंधन अधिकारियों को आपदाओं के लिए तैयार रहने के लिए ऑरेंज अलर्ट और निगरानी रखने या अपडेट रहने के लिए येलो अलर्ट है।
वहीं, विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्लूएमओ) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 28 अप्रैल को व्यापक क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 43-46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया और यह भीषण गर्मी 2 मई तक जारी रहेगी। WMO ने कहा कि असामान्य गर्मी के कारण गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनवा के पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ पिघलने की प्रक्रिय तेज होगी जिस कारण कमजोर क्षेत्रों में हिमनद झील के फटने से बाढ़ आ सकती है।
WMO ने कहा कि भारत और पाकिस्तान में अत्यधिक गर्मी के लिए केवल जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह बदलती जलवायु में अपेक्षिा के अनुरूप है। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज ने अपनी छठी आकलन रिपोर्ट में कहा है कि इस सदी में दक्षिण एशिया में हीटवेव और आर्द्र गर्मी का तनाव अधिक तीव्र और लगातार बना रहेगा। डब्ल्यूएमओ के बयान में कहा गया है कि 2020 की रिपोर्ट में भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने पहले ही नोट किया है कि 1951-2015 के दौरान भारत में गर्म चरम सीमाओं की आवृत्ति में वृद्धि हुई है।
WMO ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के आंकड़ों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि 1992 से 2020 के बीच, हीटवेव के कारण 25,692 मौतें हुईं; 2011 से 2015 के बीच 6,973 मौतें और 2016 से 2021 के बीच 1,743 मौतें दर्ज की गईं।
जलवायु और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि चल रही लू का सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भारी असर होगा जिसे सावधानीपूर्वक प्रलेखित करने की आवश्यकता है। 1 मई को भीषण लू की स्थिति के साथ 29 से 30 अप्रैल के दौरान पश्चिम राजस्थान के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति की संभावना है। वहीं पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान और तेलंगाना के उत्तरी हिस्सों में अगले 4 दिनों के दौरान लू की स्थिति बने रहने की संभावना है। 29 अप्रैल से 1 मई के दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड तथा 29 और 30 अप्रैल को बिहार, आंतरिक ओडिशा, गंगीय पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, गुजरात राज्य, मध्य महाराष्ट्र में लू की स्थिति बनी रहेगी।
स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष, जलवायु परिवर्तन और मौसम विज्ञान, महेश पलावत ने कहा, “हम उत्तर पश्चिम भारत में आज और कल तापमान में मामूली वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं। वे गुरुवार को दर्ज किए गए अधिकतम तापमान से अधिक हो सकते हैं। 1 मई से, हम पूर्वी भारत में तापमान में गिरावट की उम्मीद कर सकते हैं। आने वाले दिनों में पूर्वी भारत में अच्छी प्री-मानसून गतिविधि दिखा रहे हैं। 2 से 4 मई के आसपास उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों विशेष रूप से पश्चिमी हिमालय में गरज के साथ बारिश होगी। इसके बाद अधिकतम तापमान अस्थायी रूप से सामान्य हो सकता है।