दिल्ली दंगों के आरोपी तीन छात्र कार्यकर्ताओं की जमानत के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में सुनवाई कल

By भाषा | Updated: June 17, 2021 20:27 IST2021-06-17T20:27:38+5:302021-06-17T20:27:38+5:30

Hearing tomorrow in the Supreme Court against the bail of three student activists accused of Delhi riots | दिल्ली दंगों के आरोपी तीन छात्र कार्यकर्ताओं की जमानत के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में सुनवाई कल

दिल्ली दंगों के आरोपी तीन छात्र कार्यकर्ताओं की जमानत के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में सुनवाई कल

नयी दिल्ली, 17 जुलाई राष्ट्रीय राजधानी के उत्तर पश्चिम इलाके में संशोधित नागरिकता (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान पिछले साल हुए दंगे के मामले में गिरफ्तार तीन छात्र कार्यकर्ताओं को दिल्ली उच्च न्यायालय से मिली जमानत के विरूद्ध दायर दिल्ली पुलिस की याचिका पर उच्चतम न्यायालय शुक्रवार को सुनवाई करेगा।

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रह्मण्यन की अवकाश पीठ दिल्ली पुलिस द्वारा दायर तीन अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। दिल्ली पुलिस ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय का निष्कर्ष ‘‘ दस्तावेज के प्रतिकूल एवं विपरीत’ है और ऐस प्रतीत होता है कि यह अधिक ‘सोशल मीडिया के कथानक’ पर अधारित है।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने 15 जून को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों देवगण कालिता, नताशा नरवाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तनहा को जमानत दे दी थी लेकिन निचली अदालत से उन्हें तुरंत जेल से रिहा करने का आदेश बृहस्पतिवार को आया। इससे पहले उन्होंने उच्च न्यायालय से रिहाई की औपचारिकता पूरी होने में देरी की शिकायत की थी।

उच्च न्यायालय ने सुबह के अपने आदेश में निचली अदालत से आरोपियों की रिहाई के मामले पर ‘‘तत्परता’’ से गौर करने को कहा था। दिल्ली की अदालत ने अपने आदेश में उनकी तुंरत रिहाई करने का निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस द्वारा सत्यापन की प्रक्रिया आरोपियों को जेल में रखने की तार्किक वजह नहीं हो सकती।

दिल्ली पुलिस ने इसके बाद तीन अलग-अलग याचिकाओं के जरिये नरवाल, कालिता और तनहा को उच्च न्यायालय द्वारा जमानत देने के आदेश को चुनौती दी। तीनों को मई महीने में गैरकानूनी गतिविधि (निवारण) अधिनियम या यूएपीए के सख्त प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था।

पुलिस ने शीर्ष अदालत में दायर याचिका में उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ द्वारा मंगलवार को दिए गए फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि राज्य की असंतोष दबाने की चिंता ने प्रदर्शन के अधिकार और आतंकवादी गतिविधि की रेखा धुंधली कर दी और अगर ऐसी मानसिकता बढ़ी तो लोकतंत्र के लिए दुखद दिन होगा।

जल्दबाजी में दायर की गई अपील में जांचकर्ताओं ने फैसले को ‘लघु सुनवाई’ करार देते हुए कहा कि इस तरह की टिप्पणी निराधार और त्रृटिपूर्ण प्रतीत होती है।

दिल्ली पुलिस ने तीन आरोपियों को अप्रासंगिक विचार के आधार जमानत देने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे एनआईए और अन्य जांच एजेंसियों की जांच पर दूरगामी असर होगा।

याचिका में कहा गया कि उच्च न्यायालय ने केवल ‘ लघु सुनवाई की तथा त्रृटिपूर्ण तथ्यों को भी रिकॉर्ड पर दर्ज किया जो दस्तावेजों के विरोधाभासी हैं’ और जमानत याचिका पर सुनवाई करने के साथ लगभग फैसला कर दिया।

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Web Title: Hearing tomorrow in the Supreme Court against the bail of three student activists accused of Delhi riots

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