Article 370: CJI रंजन गोगोई बोले- अगर लोग हाईकोर्ट से संपर्क करने में असमर्थ हैं तो मैं खुद श्रीनगर जाऊंगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 16, 2019 11:04 AM2019-09-16T11:04:55+5:302019-09-16T15:05:31+5:30
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद 40 दिन से ज्यादा समय गुजर चुका है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी कुल 8 याचिकाओं पर सुनवाई हो हुई। पढ़िए इस मामले से जुड़ी सभी बड़ी हाईलाइट्स...
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाए जाने के बाद 40 दिन का समय गुजर चुका है। घाटी में धीरे-धीरे पाबंदियों में ढील दी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट में इससे जुड़ी आठ याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई हुई। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायाधीश एस ए बोबडे और एस अब्दुल नजीर की पीठ कुछ नई याचिकाओं पर भी सुनवाई की। जिसमें एक याचिका जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने दायर कर अपने परिवार वालों और संबंधियों से मिलने की इजाजत मांगी है। जानें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई की सभी बड़ी बातें...
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03:05 PM
मुझे जम्मू कश्मीर के लोगों की चिंताः गुलाम नबी आजाद
म्मू-कश्मीर के दौरे की इजाजत देने के लिए उच्चतम न्यायालय का धन्यवाद करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि उन्हें राज्य के लोगों की चिंता है और वापस आकर वह शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे भी चिंता है कि जम्मू-कश्मीर में टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं होनी चाहिए। लेकिन उससे पहले प्राथमिकता यह है कि लोग जिंदा रहने के लिए कमाएं और अपने परिवार को खिलाएं।’’
03:04 PM
उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय से मांगी रिपोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से उन आरोपों पर एक रिपोर्ट मांगी है जिनमें कहा गया है कि लोगों को उच्च न्यायालय तक अपनी बात पहुंचाने में कठिनाई हो रही है। भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा, अगर लोग उच्च न्यायालय से अपनी बात नहीं कह पा रहे हैं तो ये “बहुत बहुत गंभीर” बात है। दो बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के अधिवक्ता ने न्यायालय में आरोप लगाया कि लोगों को उच्च न्यायालय से अपनी बात कहने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रधान न्यायाधीश ने अधिवक्ता को चेतावनी दी कि अगर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की रिपोर्ट में विपरीत बात समाने आए तो उन्हें इसके “नतीजों” का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए।
12:01 PM
मैं खुद श्रीनगर जाउंगाः सीजेआई
अगर लोग उच्च न्यायालय से संपर्क करने में असमर्थ हैं तो यह बेहद गंभीर है, मैं खुद श्रीनगर जाऊंगा: मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई
Chief Justice of India, Ranjan Gogoi, says in Supreme Court "if requirement arises, I may visit Jammu and Kashmir" https://t.co/uiLlcRFu0X
— ANI (@ANI) September 16, 2019
11:53 AM
गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति
सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम नबी आजाद को श्रीनगर, बारामुला, अनंतनाग और जम्मू जाने की इजाजत दे दी है। सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, 'वो कोई भाषण या रैली नहीं करेंगे।'
11:43 AM
तारिगामी को जम्मू कश्मीर जाने की अनुमति
उच्चतम न्यायालय ने माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारिगामी को अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर वापस जाने की सोमवार को अनुमति दे दी। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे एवं एस ए नजीर की पीठ ने कहा कि यदि एम्स के चिकित्सक उन्हें अनुमति दें तो पूर्व विधायक को घर जाने के लिए किसी की अनुमति आवश्यक नहीं है। पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि उनका वाहन उनसे ले लिया गया है और वह अपने घर तक सीमित रहेंगे। बीमार नेता को न्यायालय के आदेश के बाद नौ सितंबर को एम्स में भर्ती कराया गया था।
11:40 AM
राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए सरकार ले फैसला
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को लेकर किसी आदेश जारी करने से इनकार कर दिया है। अदालत ने कहा है कि सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के आधार पर संचार व्यवस्था को सुचारू करने का फैसला ले।
The Supreme Court asked the Centre and J&K to ensure normal life is restored in Jammu and Kashmir, and to also keep in mind the national safety and security while doing so. https://t.co/ph0VfSCnk0
— ANI (@ANI) September 16, 2019
11:27 AM
मीडिया की आजादी पर सुनवाई
पत्रकार अनुराधा भसीन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उन्होंने बताया कि घाटी में अभी ना इंटरनेट है, ना ही संचार माध्यम की कोई सुविधा है। सुनवाई के दौरान अदालत में पूछा कि अभी तक कश्मीर में संचार व्यवस्था चालू क्यों नहीं है?
Petitions in SC challenging abrogation of Art 370 in J&K: AG KK Venugopal said that more than 5.5 lakh people have attended OPDs across J&K for their medical treatment&dismissed the claim of Kashmir Times Exec. Editor Anuradha Bhasin that people are not getting medical facilities pic.twitter.com/C5jrsT0J24
— ANI (@ANI) September 16, 2019
11:17 AM
जम्मू कश्मीर से जुड़ी इन याचिकाओं पर होनी है सुनवाई
- गुलाम नबी आजाद ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद दो बार राज्य में जाने की कोशिश की है, लेकिन प्रशासन ने उन्हें हवाई अड्डे से वापस भेज दिया। ऐसे में उन्होंने शीर्ष अदालत से अनुमति मांगी है, ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों से मिल सकें।
- जम्मू और कश्मीर पीपुल्स कांफ्रेंस पार्टी के प्रमुख सज्जाद लोन ने भी अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने और राज्य के पुनर्गठन की वैधता को चुनौती दी है।
- बाल अधिकार कार्यकर्ता इनाक्षी गांगुली और प्रोफेसर शांता सिन्हा ने भी विशेष दर्जा खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में कथित रूप से बच्चों को गैरकानूनी रूप से कैद करने के खिलाफ एक याचिका दायर की है।
- राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के संस्थापक वाइको की याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने केंद्र और जम्मू-कश्मीर को यह निर्देश देने के लिए कहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को अदालत के सामने लाया जाए, जिन्हें कथित रूप से नजरबंद करके रखा गया है।
- माकपा नेता सीताराम येचुरी की उस याचिका पर भी सुनवाई होगी। येचुरी ने अपनी पार्टी के बीमार नेता एम वाई तारिगामी से मिलने की अनुमति मांगी थी। शीर्ष अदालत ने उन्हें कुछ शर्तों के साथ उन्हें वहां जाने की इजाजत दे दी थी।
- इस दौरान कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने कश्मीर में मीडिया पर लगाए प्रतिबंधों को हटाने की बात कही है।
11:06 AM
वाइको की याचिका पर सरकार को नोटिस
सुप्रीम कोर्ट में सबसे पहले वाइको की याचिका पर सुनवाई की गई। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने इस दौरान कहा कि अभी वहां पर क्या हालात हैं? फारुक अब्दुल्ला को हिरासत लेने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस दिया है। सरकार से 30 सितंबर तक जवाब देने को कहा गया है।MDMK Chief and leader Vaiko in his petition in Supreme Court has said that NC leader Farooq Abdullah could not be contacted as many leaders in Jammu & Kashmir (J&K) were under house arrest, after the abrogation of Article 370 in J&K. https://t.co/d5BGd1xKCX
— ANI (@ANI) September 16, 2019