कोलकाता, 11 दिसंबर पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर मवेशियों की तस्करी के कथित सरगना इनामुल हक ने शुक्रवार को एक विशेष सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया और अदालत ने उसे 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
हक ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल में अदालत में आत्मसमर्पण किया।
उच्च न्यायालय ने 24 नवंबर को मवेशी तस्करी मामले में आरोपी हक को कोविड-19 की जांच में निगेटिव पाये जाने पर सात दिनों के अंदर आसनसोल में विशेष सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। इस मामले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक वरिष्ठ अधिकारी को भी गिरफ्तार किया गया है।
हक के वकील ने उच्च न्यायालय से कहा था कि उनका मुवक्किल यहां निजी अस्पताल में जांच में कोविड-19 संक्रमित पाया गया। हक अपने विरूद्ध दर्ज प्राथमिकी को खारिज करने की मांग करते हुए उच्च न्यायालय पहुंचा था। उसने दावा किया कि यह मामला दुर्भावना से प्रेरित है।
सीबीआई ने हक को इस मामले में छह नवंबर को दिल्ली में गिरफ्तार किया था। लेकिन उसे वहां एक अदालत से जमानत मिल गयी जिसने उसे नौ नवंबर को कोलकाता में एजेंसी के सामने पेश होने को कहा था।
हक ने सीबीआई दल से कहा था कि उसे कोविड-19 से संक्रमित हो जाने का संदेह है, तब एजेंसी ने उसे 24 नवंबर का लौटकर आने को कहा था।
सीबीआई ने 17 नवंबबर को मवेशी तस्करी रैकेट में बीएसएफ के एक कमांडेंट को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि मवेशी तस्कर अपना धंधा चलाने के लिए बीएसएफ और सीमाशुल्क अधिकारियों को रिश्वत दिया करते थे।
हक को अन्य बीएसएफ कमांडेंट को कथित रूप से रिश्वत देने को लेकर 2018 में गिरफ्तार किया गया था और वह उस मामले में जमानत पर है।
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